Hindi Best Shayari:- हिंदी बेहतरीन शायरी किसी भी दिल की गहराई में जाकर उसे समझने और महसूस करने का एक तरीका है। यह केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि हर एक शब्द के पीछे एक गहरी भावना और अर्थ छुपा होता है। हिंदी बेहतरीन शायरी का हर शेर अपने आप में एक कहानी है, जो किसी के दिल की धड़कन और विचारों को बयां करता है। चाहे वह प्रेम हो, दर्द हो या जीवन की किसी सच्चाई की खोज, शायरी हमेशा उस सच्चाई को खूबसूरती से शब्दों में ढाल देती है। यह न केवल श्रोता को विचारशील बनाती है, बल्कि उसकी आत्मा को भी छू जाती है, और यह निश्चित रूप से हर दिल में अपनी जगह बना लेती है।
-) चेहरे पे हँसी, दिल में चालाकी,
बातों में मिठास, पीछे गद्दारी।
ऐसे लोग मिलते हैं हर मोड़ पर,
सच को लजाते हैं झूठी यारी।
-) जो खुद को फरिश्ता कहते हैं,
अक्सर वही ज़हर से भी बदतर होते हैं।
हर बात में झूठ की परत चढ़ा कर,
सच्चाई का मज़ाक उड़ाते होते हैं।
-) सच कहो तो चुभता है उन्हें,
झूठ सुनकर खिलते हैं जो।
चेहरे पर मासूमियत लिए,
दिल में बसा रखते हैं धोखा।
-) झूठ के सहारे जो रिश्ता निभाएं,
वो भरोसे को कब तक बचा पाएंगे।
एक दिन आईना खुद बताएगा,
कितने फरेब दिल में छुपाएंगे।
-) कसमे खाते हैं हर रोज़ वफ़ा की,
हकीकत में मगर हैं जुदा सच्चाई से।
झूठ की चादर ओढ़े हुए लोग,
सच का नाम भी नहीं लेते डराई से।
-) झूठ बोल कर रिश्ते बनते नहीं,
सच को छुपा कर प्यार मिलते नहीं।
एक न एक दिन परतें उतरती हैं,
फिर नकाबदार चेहरे भी चलते नहीं।
-) शब्दों में मिठास, नज़रों में धोखा,
ऐसे लोगों से ही सीखा सबक गहरा।
हर मुस्कान नहीं होती दिल की आवाज़,
कई नकाब पहनते हैं आजकल चेहरा।
-) बड़ा आसान है झूठ बोल देना,
मगर मुश्किल है उसमें टिके रहना।
हर झूठ एक नया झूठ माँगता है,
और फिर सच्चाई से डर लगता है।
-) झूठों का कारवां बड़ा हो गया है,
हर तरफ फरेब का सिला हो गया है।
सच्चे दिल की कद्र कौन करे अब,
झूठ ही अब लोगों का खुदा हो गया है।
-) जो पीठ पीछे करते हैं बातों की बौछार,
सामने आते ही कर लेते हैं प्यार।
ऐसे दोगले चेहरे बहुत मिलेंगे,
पर पहचान लो अब, हो जाओ होशियार।
हिंदी बेहतरीन शायरी वह कला है, जो शब्दों के जरिए दिल की गहरी भावनाओं को उजागर करती है। हर शेर और हर मिसरा किसी खास अनुभव, याद, या संवेदना को दर्शाता है, जो सीधे दिल से निकलकर दूसरे दिलों तक पहुँचता है। जब हम हिंदी बेहतरीन शायरी पढ़ते हैं, तो हमें लगता है जैसे किसी ने हमारी अनकही भावनाओं को शब्दों में ढाल दिया हो। यह शायरी सिर्फ एक साहित्यिक विधा नहीं है, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो हमें अपने अंदर की भावनाओं को समझने और दूसरों के साथ साझा करने का अवसर देती है। शायरी के हर पल में गहरी सोच और रचनात्मकता छुपी होती है, जो उसे समय और स्थान से परे एक सार्वभौमिक कला बना देती है।
-) गोकुल के मनमोहन जाने कौनसी गलियों में रहने लगें हो
पहले प्रेम गीतों में थे राधा रानी के ,
अब जाने कौनसे गीतों में रहने लगें हो ।।
-) कभी यमुना के किनारे अठखेलियां करते थें,
अब जाने कहां चुपचाप रहने लगे हो,
-) कदम की डाली ने भी पूछ लिया हमसे,
अब किस और डाली कूदने लगें हो ।।
-) मधुर बंसी के सुर में क्या क्या गातें थें,
अब शायद कोई और सुर छेड़ने लगें हो ।।
-) गोपियां ये जो बस कान्हा कान्हा करती थीं ,
उनके हृदय से क्यों तुम यादों को विश्राने लगें हो ।।
-) मावा मिश्री माखन के लालच में गैया चराते थें तुम,
अब बिन मांगे क्या सब खाने लगे हो ।।
-) पहले प्रेम की भाषा बोलते थें तुम ,
अब क्या सिर्फ सुदर्शन चलाने लगें हो ।।
हिंदी बेहतरीन शायरी एक ऐसी सृजनात्मक विधा है, जो शब्दों के माध्यम से गहरी भावनाओं और अनुभवों को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करती है। यह न केवल दिल की आवाज़ होती है, बल्कि हर शेर में एक नयी दुनिया बसी होती है, जहाँ हर दर्द, खुशी, और तन्हाई को खूबसूरती से व्यक्त किया जाता है। हिंदी बेहतरीन शायरी का हर शब्द, अपने आप में एक कहानी है, जो सुनने वाले को अपने भीतर की भावनाओं से जुड़ने का अहसास कराती है। चाहे वह प्यार हो, ग़म हो या जीवन की अनकही सच्चाई हो, शायरी के शब्द हर दिल को छूने की ताकत रखते हैं और इस प्रकार यह भारतीय साहित्य का एक अमूल्य खजाना बन गई है।
-) लाडली जू जो कहती थीं,
तो चले दौड़े आते थे तुम,
अब बार बार बुलाने पर भीं क्यों नहीं आतें हो ।।
-) वृंदावन बारी की नजरों में रहते थें,
अब जाने कौनसी पटरानी की आंखों में रहने लगे हो ।।
-) प्रेम वाली भूमि गोकुल में रहते थे,
अब जाने द्वारका में क्या क्या करने लगे हो ।।
-) ये भी कहते है लोग पहले रास रचाता था,
अब महाभारत जैसे युद्ध को रचने लगे हो ।।
-) पहले ग्वालिनों को रिझाकर माखन खाते थे,
अब बड़े बड़े शूरवीरों को अपने वश में करने लगे हो ।।
-) गोवर्धन उठाने वाला इंद्र के कोप से बचाने वाला,
अब सुना हैं इंद्र के पुत्र की बागडोर चलाने लगें हो ।।
-) पहले गोपियों के चीर चुराते थें,
अब सुना है हमनें द्रौपदी की लाज बचाने लगे हो ।।
-) पहले नंद के आनंद यशोदा के लाल थें,
अब सुना हैं ख़ुद को द्वारकाधीश बुलवाने लगें हो ।।
-) तुम तो आतें नहीं अब वृंदावन में,
ज्ञानी उद्धव के हाथों अपना पत्र भिजवाने लगें हो ।।
-) ज्ञानियों के ज्ञान को वृंदावन की भूमि पर,
प्रेम ज्ञान से तुम ब्रह्म ज्ञान समाप्त करवाने लगें हो ।।
हिंदी बेहतरीन शायरी उन गहरे जज़्बातों का आक्सीर है, जिन्हें शब्दों के माध्यम से हम अभिव्यक्त करते हैं। हिंदी बेहतरीन शायरी हर अहसास को एक शायराना रूप देती है। यह न सिर्फ पढ़ने वाले के मन को शांति देती है, बल्कि उसे अपने अंदर की गहराई से भी जोड़ती है। जब भी कोई व्यक्ति इन शेरों को पढ़ता है, तो वह खुद को उन भावनाओं से जुड़ा हुआ महसूस करता है, जो शायर ने अपने शब्दों में पिरोई होती हैं।
~~~आशुतोष दांगी~~~
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