Hindi Best Shayari -: हिंदी बेस्ट शायरी (hindi best shayari)” सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, बल्कि जज़्बातों की एक दिल को छू लेने वाली तहज़ीब है। इसमें हर शेर में जीवन की सच्चाइयाँ, आत्मा की पुकार, और रिश्तों की मिठास बयां होती है—चाहे वह दोस्ती का हँसता चेहरा हो या कविता में कहीं खोया हुआ कोई एहसास। हमारी वेबसाइट पर ये शेर आपकी आत्मा तक पहुँचते हैं और भली-भाँति महसूस कराते हैं कि “शायरी” वाकई कितना प्रभावी माध्यम है अपने जज़्बातों को दुनिया तक पहुँचाने का।
-) अंधेरे से खौफ खाने वाले,
दिन से क्यों नहीं डरते हैं ।।
जो कुछ घट रहा है यह दिन की ही मेहरबानी है ।।
-) मुझको ढूंढने निकला है कोई अनजान शख्स,
मैं जो जाने कहां गुम हो गया,
किसी को मिल पाऊं इतना आसान तो नहीं,
मैं अपने पुराने सफर में विलुप्त हो गया ।।
-) उनके कानों के झुमको ने न जाने कितनो के दिलों की धड़कन बढ़ा दी,
वे जरा सा जो लहराऐं तो जाने कितनों के दिल हवा हो जाते हैं ।।
-) यह एक फरेब है कि हर डाली पर फूल महकेगा,
भंवरों को यह कहानी जाने किसने सुना दी,
बे जाने किसके गुमान में मिलो का सफर तय कर आए हैं,
अपनी राह से भटक कर वह इन फूलों पर मंडराने आए हैं,
निराशा की यह टोपी उनके सर अच्छी नहीं लगती,
मजाक कर दिया है यह किसने जाने भंवरों को यह मस्ती अच्छी नहीं लगती ।।
-) हम वे वक्त ही सही मगर लौटे तो सही,
हमने तो लौटने का वादा भी ना किया था ,
वह जो वादा करके लौटा नहीं,
उसको तो अपने वादे का ख्याल रखना था ।।
-) तन्हाई पसंद है तुम्हें तो तन्हाई के आलम का मजा लीजिए,
तन्हा होकर यह दिल की खता ना किसी से कीजिए,
एक रोज फिर आप लौट जाएंगे अपनी तन्हाई में,
खता दिल की जिससे कर दी उसका ख्याल फिर कोई नहीं रख पाएगा,
फिर यूं लगेगा कि एक मजाक ने जिंदगी तबाह कर दी किसी की,
आप तन्हाई के आलम में डूब जाएंगे वह आपके गम में डूब जाएगा ,
आपको आपकी तन्हाई संभाल लेगी वह अपनी जिंदगी की जंग हार जाएगा ।।
-) कि मेरे हिस्से में जाने यह कौन आ गया,
जिसे मैं चाहता हूं क्या वहीं आ गया,
मगर उसका मिलना आसान नहीं,
नामुमकिन है मुमकिन सा उसके जहन में सवाल नहीं,
कि यह लौट आया है कौन देख़ो तो जरा गौर से,
मेरे महबूब स़ा इसमें एक भी ढंग नहीं ।।
-) मतलब परस्त जमाने में मतलबी हो जाने में क्या हर्ज़ हैं,
औरों ने अपना सोच रखा है तो बस अपनी ही सोचने में क्या हर्ज है ।।
-) मैं अपने हिस्से की जिंदगी को न जाने किसके नाम कर चुका हूं,
एक तेरे जैसे अजनबी के नाम कर चुका हूं ।
मसला यह है कि वह भी मुझे मानता नहीं,
मगर मैं फिर भी अपनी जिंदगी को उसके नाम कर चुका हूं ।।
-) अनजाने सफर में छोड़कर जा रहे हो,
जो सोचा था सफर आप तय करेंगे,
उसे अनजाने सफर को मेरे नाम करके जा रहे हो,
अब हम अजनबी से हो जाए क्या ?
इस तरह की बातें अब आप कर रहे हो,
मर्जी तो मेरी पहले भी ना चलती थी,
सब कुछ आप तय करके अब उसे तोड़ कर जा रहे हो ।।
-) माना की भटकी राहों का सिपाही मैं हूं,
अनजाने अजनबी बातों का मुकद्दर मैं हूं,
रूठे यार का हक़दार मैं हूं ,
किसने कहा कि मैं सब जानता हूं,
वह जो अनंत का अंत है वह मैं हूं ।।
-) माना कि तेरे काबिल नहीं मैं,
हर एक निगाह से बाकीफ़ भीं नहीं मैं,
मेरे जैसे बन जाने में न जाने कितनों ने कितनी सदियां बिता दी हैं,
मगर किसी की अभी तक मंजिल भीं नहीं हूं मैं ।।
-) बे जो इतरा रहे हैं मेरा हाल देखकर,
फटे होंठ और रूखे बालों को देखकर,
हमने अपनी फरमाइशों का कत्ल कर दिया हैं,
एक शख्स को कूड़े में से खाना उठाता देखकर ।।
-) यह कह देना बड़ा आसान है कि भूल जाओ अब हमें,
मन भर गया है इस चेहरे को देखकर,
यह भी अब कम नहीं कि मैं मैं ना रहा,
अपनी सुद भूल जाते थे लोग पहले,
मेरे आक्रोश को देखकर ।।
-) वह जानता ही नहीं कि मैं क्या हूं,
मैं जो अपने अंदाज को बयां करने लगूं,
रूह कांपने लगे उनकी जो दिलों से खेलने लगे ।।
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