Heart break hindi shayari -
हम इस खेल के सबसे उम्दा खिलाड़ी थें,
हम से बेहतर इसकी गहराई कोई नहीं जानता था ।।
हमें साजिशों ने इस मैदान से निकाल दिया ,
वरना हमारे होते हुएं तो हार जाना नामुमकिन सा था ।।
बहुत देर भीं ना करिए ,
इंतजार अब अच्छी बात नहीं ।।
कुछ इसी ताक में रहतें हैं,
कब मौकों को सबसे पहले लपका जाएं ।।
दिल हमारा जाने कितनी दफ़ा टूटा हैं,
अब तो इसका इलाज़ भीं मुमकिन नहीं ।।
लोग इतने के बाद शख़्स बदल लेते हैं,
इसकी चाहत उस एक से हटती नहीं ।।
हम जैसों को अगर बेइज्जती का स्वाद कोई चखाने लगें,
तो उनके पतन का रास्ता हम बनाने लगें ।।
हमें ये मंज़ूर नहीं कि हमारी आन पर आंच आएं,
हम चाहें तो ज़माने में आग़ लगा दें ।।
क़िरदार बदल जाएं तो कैसा होगा ,
सबकुछ ख़ाक़ जैसा होगा ।।
ये मुमकिन तो नहीं कि एक जैसा ही रहा जाएं ,
लोग बदलते नज़र आएंगे तो हमें भीं ख़ुद को बदलना होगा ।।
सीने पर पत्थर रख कर ,
कैसे जिया जाता हैं ।।
सबकुछ सुन कर कुछ ना कहां जाता हैं,
बेशर्मों जैसा रहा जाता हैं ।।
उनके बदलें रुख का क्या कहें,
हमारे अलावा सबकुछ उन्हें भाता हैं ।।
हम क़रीब थें एक ज़माने से उनके ,
अब हम ही दूर हैं सबसे उनसे ।।
आरज़ू ये थीं कि सेहरा हम बांधेंगे,
दुल्हन सी वो सजेगी ।।
हाल ये हैं हम दोनों भाग आएं हैं,
अदालत के दरवाज़े पर अब बारात लगेंगी ।।
हो इरादा अगर साथ देने का ,
तो ताउम्र के लिएं साथ देने का वादा कर ,
एक वादें पर हम अपनी सारी उम्र गुज़ार देंगे ।।
तुम जानते नहीं कि ,
हम क्या हैं हम महफ़िलों की शान हैं ।।
हम महकदें की जान हैं,
हम जाम की पहचान हैं ।।
हम सारी उम्मीदें ऊपर वालें के हाथ छोड़ आएं हैं,
अपनी कस्ती को किनारा मिल ही जाएगा ।।
दुखियों के मन की अरदास पूरी होती हैं,
जो उनके भरोसे छोड़ दें सब उसकी कस्ती भी किनारे लगती हैं ।।
ज़िंदगी जी तो ना सकें हम,
जैसी होनी चाहिएं थीं ।।
उम्मीद अब मौत से हैं,
ये सबसे आला सी होनी चाहिएं ।।
माना कि हम ठहर नहीं सकतें,
ज़्यादा बंदिश में रह नहीं सकतें ।।
मग़र कुछ तो बात ऐसी भीं हैं,
जिनके आगे हम बेबस हैं ।।
फ़ूल को तोड़ ना माली ,
कली से खिला हैं तो कुछ तो आज़ाद रहने दे इसे ।।
इसने अपनी उम्र को अभी जिया भीं नहीं ,
और तू इसे तोड़ कर सारी आस ख़त्म कर देना चाहता हैं ।।
फूलों को ये ख़बर किसने दी ,
की हम बाग़ में बागवानी कर रहें हैं।।
पहले इनकी रंगत देखी थीं मैंने,
कुछ मुरझाएं से थें अब खिलखिलाकर हँस रहें हैं ।।
~~आशुतोष दांगी
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