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 Heart break shayari :- हम इस पेज पर आपके लिए शायरी लाएं हैं , जो कि आपके ब्रेकउप के बाद सबसे लजीज शायरी हैं । जिसे सुनकर या पड़कर आप अपने पुराने साथी को भूल जाएंगे ।।


💔💔💔💔💔


ब्रेकअप के बाद जो अरमान आपके दिल में हैं वे निकाल जाना चाहते हैं ।।

Heart break shayari आपके लिए बेस्ट हैं ।। 💔💔💔


जब जब दिल टूटता हैं तो लगता हैं सब खत्म हो गया अब जीने की कोई वजह नहीं हैं । आप अपने आपको भूलना चाहते हैं उसके लिए ये पेज बेस्ट हैं

Heart break shayari ( for those who love to be alone )


1 ) ज़िंदगी की बागडोर अब ख़त्म सी लग रहीं हैं,

     हमारी कहनी अनजाने मोड़ पर ख़त्म हो रहीं हैं ।।


     ये मेरी मंज़िल का रास्ता तो नहीं,

     फ़िर भीं ये कहानी अनजाने सफ़र में जा रहीं हैं ।।



2 ) टूटे दिल का हाल ना पूछों,

     ये जरा सी बातों पे समंदर बहाने लग जाता हैं ।।


    किसी ग़ैर की बात होती तो सोच भीं लेता,

    ज़ख्म किसी अपने करीबी के हैं ।।



3 ) बेशक उन्हें ना मंज़ूर हूं मैं,

     मैंने भीं कब कहां की मुझे हासिल हो वो ।।


    रब को चाहने वालें भीं तो बहुत हैं,  

    हरकिसी को रब मिलता तो नहीं ।।



4 ) मुझ जैसा होनें में वक़्त नहीं ,

     सदिया गुज़र जाएंगी ।।


     ख़ुद को ऐसा बनाने में ,

     हमनें भी तो उम्रे गुज़ार दी ।।



5 ) मैं ये तो नहीं कहता,

     हर पल मेरे क़रीब रहों ।।


    बस इतना ही कर दिया करों,

    मैं जब चाहूं तुम्हारी तस्वीर को हमारे पास भेज दिया करों ।।



6 ) माना कि मिलनें में जाने कितनी मुसीबतें हैं,

      मग़र इस दिल के आगे सब बेबस हैं ।।


     हम चाहकर भीं कुछ कर नहीं पाते ,

      बेड़ियों में हम क़ैद हैं ।।



7 ) मेरे हाथ में क्या क्या हो सकता था,

      क़लम के सिवा कुछ ना थामा मैंने ।।


     होनें को क़ातिल भीं हो सकता था ,

     लेकिन तुझसे बिछड़ कर शायर ही बन गया मैं ।।



8 ) जो बातें सबको समझानी पड़ रहीं हैं,

     एक शहजादी बिन बोलें समझ जाया करती थीं ये सब ।।


     मैंने कभी ये नहीं कहाँ कि ना समझने में ग़लती तुम्हारीं हैं,

      वो बस प्रेम की भाषा समझती थीं ।।



9 ) आँखें बोलने लगीं कितना कुछ ,

      सब कुछ बयां कर देती हैं बग़ैर बोलें कुछ ।।


      हम भी कुछ कहना चाहते नहीं हैं,

      इनकी जुबां समझले बस कोई ,

      उसके अलावा फ़िर हमारा कोई नहीं ।।



10 ) मैं आसमान को लिख रहा हूं ,

       तो ज़मीन क्यों लिखा जा रहा ।।


      शायद इसे हिदायत रब कि समझूं मैं,

     आसमान देखने वालों को ज़मीन नसीब नहीं होती ।।



11 ) उसके बग़ैर दिल लगता तो नहीं ,

      लेकिन ये ज़रूरी भीं तो नहीं कि कभी लगेगा ही नहीं ।।


     वो इस भ्रम में भी ना रहें आशुतोष,

     उसके बाद बस उसे ही याद किया जाता हैं ।।



12 ) एक पैग़ाम में अगर तेरे नाम लिख दूं ,

        तेरे घर का पता लिखूं फ़िर तेरा नाम सरेआम लिख दूं ।।


      तो मुमकिन ये भीं हैं,

      बदनामी का सबब तेरे सिर होगा ।।


     जिन बातों से पर्दा करता हैं तू 

     फ़िर वो पर्दा भीं ना होगा ।।



13 ) हम तेरी जान की क़ीमत का मौल ना कर पाएं ,

        किसी ने धन दौलत मांगी थीं ।।


       हम ये सौदा ना कर पाएं ,

       हम बस एक ही काम कर सकें ,

      तेरी जान के बदलें हम अपनी जान कर आएँ ।।


      उन्हें ये मंज़ूर ना था ,

      तो हम सौदा ही ख़ारिज कर आएं ।।


   

14 ) बीतें दौर से कुछ ना कुछ तो सीखिएं,

       उसे यूं ही ना जाने दीजियें ।।


      उसके जाने में ना जाने कितने अहम मौके चलें गए,

      उन मौकों की क़ीमत को अदा कीजियें ।।



15 ) हम अगर ख़ुद को भुलाने लगें,

       तो क्या क्या हो सकता हैं ।।

  

      एक दुनिया बनी हैं हमारे ठिकाने पर ,

      उसका तबाह होना तय हो सकता हैं ।।


      कितने दिल है क़रीब उसके ,

      उन सभी का टूटना हो सकता हैं ।।



~~आशुतोष दांगी


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