Top 15 Best shayari , हम पेश करते हैं शायरी कि दुनिया हिलाने वाली बेस्ट शायरी,
ये शायरी आपको सोचने पर मज़बूर कर देगी ।।
Heart break shayari
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Hindi heart break shayari
1 ) हम अपने दामन पर क्यों ऐसा दाग़ लगाएं,
हम किसी के रूठ जाने का इल्ज़ाम क्यों अपने सिर लेने लग जाएं।।
हम चाहकर भीं नहीं चाहते ऐसा कुछ ,
इस से अच्छा तो यहीं होगा ,
हम सारे फ़ैसले ख़ुद लेने लग जाएं ।।
2 ) प्रेम हमारा भीं अमर हो ही गया ,
हम श्याम और वो राधा सा हो गया ।।
कहानी पूरी हो सकती थीं हमारी ,
मग़र मिलन में बिछड़ने की साज ,
क़िस्मत ने रख दीं और हमारा बिछड़ना तय हो ही गया ।।
3 ) इन किताबों से निकल ,
इनके पार भीं एक दुनियां हसीन हैं आशुतोष।।
ये सच बताती हैं अक़्सर,
वहां झूठ की दुकान चलती हैं ।।
ये मोहब्बत का हमेशा फ़र्ज़ निभाती हैं,
वहां बेवफ़ाई को बड़ी आसानी से लिखा जाता हैं ।।
4 ) हम अपने अच्छे बर्ताव को भूल जाएं तो कैसा होगा,
सिर्फ बुरा बन कर पेश आने लगे तो कैसा होगा ।।
हमसे सब सहजता से पेश आते हैं,
हम असहज होनें लग जाएं तो कैसा होगा ।।
5 ) हम जैसा अपने क़िरदार को भुलाने लगें,
तो समझ जाइयेगा ज़ख्म बड़े गहरें से हैं ।।
ये करम किसी ग़ैर के नहीं,
अपने हीं किसी ख़ास के हैं ।।
6 ) तुम याद किया करों हमें ,
हम कोषों दूर से भीं पल भर में आ जाएंगे ।।
7 ) समंदर से यूं भीं ना ऐंठिये ,
ये चाहें तो ना जाने कितने जहाज़ डूबालें ।।
इसकी सादगी को मज़बूरी ना समझिएं,
ये शांत हैं इसका मतलब ये नहीं,
इसपे ज़बरदस्ती जताई जाएं ।।
8 ) कस्ती डूबने का मन कर रहीं हैं,
मेरी हस्ती डूबने का मन कर रहीं हैं ।।
हम चाहतें हैं कुछ और दिन जी जाना चाहते,
हालात हमें मारने का मन कर रहें हैं ।।
9 ) हम ख़ुद को समझ ही नहीं पा रहें,
की हम क्या हो गएं ।।
पहले हम जरा जरा सी बातों पर ख़ुदको आक्रोश में ले आतें थें,
अब तो कुछ भीं हो जाएं हम ख़ुदको शांत से माहौल में ढाल आएं हैं ।।
10 ) बेख़ौफ से घूमने वालें ,
जब खौफ खानें लग जाएं ।।
तो समझ जाइयेगा कि ज़माने की हवा बदलनें लगीं,
11 ) जंगल की आग सबके लिएं भीं एक जैसी नहीं होती ,
कुछ हुनरमंदों को इस आग से बच निकलना आता हैं ।।
ये बात नहीं कि सब खाक हो जाएं,
जहां बड़े बड़े जानवर जल जाते है वहां चूहे जैसे भीं बच निकल ते हैं।।
12 ) छोड़िए इश्क़ में जनाब मुआफ़ी क्या हैं,
ग़लती मोहतरमा की हो तो भीं मेहबूब को माफी मांगनी पड़ती हैं ।।
13 ) अब ये रास्ता छोड़ रहें हैं हम ,
इतने सालों की मेहनत को ।।
इस मुकाम पर लाकर अलविदा कह रहें है हम,
इसने बड़े बुरें वक़्त में हाथ थामा था ,
मग़र इस साथ को यहीं छोड़ रहें है हम ।।
14 ) बेहतर की तलाश ना कीजियें,
जो हैं उसे ही बेहतर बना लिजिएं ।।
क्या पता बेहतर की ख़ोज में ,
वाहियात सा हासिल हो जाएं ।।
15 ) हम इस अंदाज़ के एक मात्र हीं ऐसे इंसान थें,
हमारे बाद कोई भीं ऐसा ना था ।।
जो जुबान की बातें आंखों से ,
समझ जाया करता था ।।
~~आशुतोष दांगी
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