-) उनका चेहरा मासूमीयत से भरा एक गुब्बारा हैं ,
खिल -खिलाते हुये बागों में गुलाब से भी प्यारा हैं ।।
लाख रंजिशे हो दिल में फिर भी ,
उनको देख के मुस्कुराना सारे जहां से न्यारा हैं ।।
-) उदासी का आलम हमसे ना पूछो कितने दर्द दबाये बैठे हैं ।।
मर तो चुके हे पहले ही ना जाने कैसे जिंदा बैठे हैं ।।
-) दिल पर लिख दिया बस नाम तेरा मेरी तकदीर ने ,
अब ख्वाहिशों से कहो ,
तुम्हारी के उनपे हक मेरा हैं अब ।।
-) मार रही जिंदगी बड़े जोर से ,
अब तुम ही कोई करम करो ।।
वरना रुकसत हो ले हम इस जहाँ से ।।
-) ना जाने किस कैद में आ गये हम ,
ना तो खुला आसमां दिखता , ना चांदनी दिखती हैं ।।
तारो की टिमटिमाहट को ढूंढते फिर रहे हैं ,
हम अमावस्या की रात में ।।
-) ना जाने कहाँ रहती होगी वो ,
ना जाने कैसी दिखती होगी वो ।।
सुना हैं आसमान मे परिया रहती हैं,
तो क्या परियों जैसी दिखती हैं वो ।।
-) अब जंग लगे हथियारों को धार दी जाएं ,
जंग कि तैयारी हैं।।
शंखनाद से जय घोष हो अबकी हमारी बारी हैं।।
-) किसी की यादों ने रुलाया ,
किसी की बातों ने उलझाया ।।
हम ही अनजान थे इस जहान वालो से ,
जिसने भी डुबाया हमको ही डुबाया हैं ।।
-) हो मंज़ूर ख़ुदा को अगर तो दिल लगा ले हम ,
सारे फ़ैसले हो हमारे ही हक़ में तो कचहरी में ये मुद्दा भी उठा ले हम ,
हमें मंज़ूर नहीं अपने सिर पर इल्ज़ामात ,
इल्जामों से परे अपनी छवि बना ले हम ।।
-) तुमसे दिल लगाना ना जाने कितनी आफ़तों कि पुड़िया हैं ,
ये गुनाह हैं और मैं अब गुनहगार हूं ,
ऐसा फैसला मेरे हक़ में कर दिया हैं।।
-) आ भी जा के अब ज़िंदगी बागडोर कम लगे हैं,
पास तू ना हो तो सांसे कम लगे हैं,
कोई वादा मिलन का कर ,
बगैर वादें के सब झूठ सा लगे हैं।।
-) बिछड़ने वाले ये भी सोच की मिलने में कितनी ज़ुस्तज़ु थी ,
आफत थी बदनामिया थी मुसीबतों कि मारी किस्मत थी ,
जुदा होने में एक पल लगता हैं,
मिलने में सारी उम्र सी लगती हैं, ।।
खैर इसमें दोष किसी का भी ना तेरा ना मेरा ,
जमाने कि नज़र थी और बुरी नजर लगती हैं ।।
-) कुछ वादा ऐसा भी था ,
मेरे ना आने का था ,
दौर मुसीबतों का था ,
अच्छे बुरे का था ,
मेरे बिछड़ने का था।।
-) आंखे आज भी तेरा वो मुड़कर देखना ना भूली
सबकुछ भूली हैं तेरा वो हंसना ना भूली ।।
मुझे याद करता है जमाना ,
में तेरी वो यादें नहीं भूली ,
तू मुस्कुरा देता था मैं वो हँसी नहीं भूली ।।
-) तू ये भी वफ़ा का पैगाम ला ,
आशिक़ो का नाम ला,
किसने उड़ाई ये अफ़वाह मेरे बर्बाद होने की,
दिलो के महफ़िल से बेघर होने की ,
तू ये अहसान कर नाम कर,
वो जो है नहीं कुछ भी वो पैगाम ला ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
"हिंदी बेस्ट शायरी" दोस्ती और रिश्तों की अहमियत को दर्शाती है। यह शायरी दोस्तों के साथ बिताए गए पलों, रिश्तों की मजबूती और आपसी समझ को व्यक्त करती है। हर शब्द में एक गहरी मित्रता और एक सच्चे रिश्ते की झलक मिलती है, जो पाठक को अपने दोस्तों और रिश्तों की अहमियत समझाती है।
-) तुमसे बिछड़कर भी एक रिश्ता कायम है,
तुम्हारी यादें मेरे दिल में एक साया धारण है।
-) जब भी यादें ताज़ा हो जाती हैं,
मेरी आँखें चुपके से भीग जाती हैं।
-) तेरे बिना हर सुबह अधूरी सी लगती है,
तेरी यादों में ही मेरी हर खुशबू बसी है।
-) ख़्वाबों में आती हो, यादों में बसी हो,
तुम मेरी जिंदगी की एक बेहद ख़ास वजह हो।
-) तुम मुस्कुराती हो जब हवा में चलती है,
तेरी यादों का सुरूर मेरी धड़कन में बहती है।
-) लम्हे गुज़रे हैं तेरे संग, ये सच है,
पर तेरी यादें आज भी मुझे तरसाती हैं।
-) पलकों पर रखा है तेरा नाम,
तेरी यादों का सफर मेरा है पैगाम।
-) दिल की गहराइयों में बसी हो तुम,
जब कभी याद आती हो, ख़ुद से बयाँ हो तुम।
-) कभी तेरा चेहरा, कभी तेरा नाम है,
यादों का ये सागर, बस तेरा ही जाम है।
-) हर जज़्बा, हर लम्हा तेरा एहसास है,
तेरे बिना ये जीवन बस एक उदास है।
"हिंदी बेस्ट शायरी" त्योहारों और उत्सवों की खुशियों को शब्दों में पिरोती है। यह शायरी होली, दीवाली, ईद और अन्य त्योहारों की उमंग, खुशी और उल्लास को व्यक्त करती है। हर पंक्ति में एक नई उम्मीद और एक नया उल्लास मिलता है, जो पाठक को त्योहारों की खुशियों में शामिल होने की प्रेरणा देता है।
-) हवा में तेरी खुशबू अब भी महकती है,
तेरे बिना हर सुबह सर्द रात की तरह अधूरी लगती है।
-) तेरा दीदार हर सुबह मेरी दुआ है,
तेरी यादें मेरे दिल की एक अनकही कहानी है।
-) हर शाम यादों में तन्हाई का साया है,
तेरी यादें फिर से मुझसे बातें करती हैं।
-) तन्हाई में अपने दिल से तेरा नाम लूँ,
यादों की इस चादर में खुद को ढक लूँ।
-) खोने का ग़म भूलकर, अब हंसता हूँ,
तेरी यादों में खुद को बसाता हूँ।
-) कभी ना भुला पाएंगे तेरा नाम,
तेरी यादें बन गई हैं हमारे अरमान।
-) आंसू बहते हैं जब तेरा ख्याल आता है,
मेरी यादों में तू हर लम्हा समाता है।
-) तुझे भुलाने की कोशिशें की हैं मैंने,
पर तेरी यादें हर बार मुझसे हंसकर मिली हैं।
-) तेरे बिना हर दिन इक अंधेरा है,
तेरी यादें ही तो, इस दिल का सवेरा है।
-) मेरी तन्हाई में तेरा आवाज़ है,
तेरी यादों में बसी मेरी हर ख्वाब है।
-) चुपके से आती हो तुम हर रोज,
तेरी यादों का आलम है सबसे अलग।
-) रुखसात होकर भी तेरी यादें न जाएँगी,
मेरा दिल हमेशा तेरा इंतज़ार करेगा।
-) तुमसे जो बिछड़े, वो पल तलवार है,
तेरी यादें मेरी ज़िन्दगी का राज़ है।
-) शाम ढलते ही तेरा ख़्याल आता है,
तेरी यादों में बसा मेरा हर सवाल आता है।
-) जब भी टूटती है शाम पलकें,
तेरी यादों की हसीन बातें फिर से सजती हैं।
"हिंदी बेस्ट शायरी" में गुलजार की शायरी भी शामिल है, जो भावनाओं का एक समंदर है। उनकी शायरी में प्रेम, दर्द, उम्मीद और जीवन के विभिन्न पहलुओं की खूबसूरत अभिव्यक्ति मिलती है। हर पंक्ति में एक गहरी भावनात्मकता और एक नया दृष्टिकोण मिलता है, जो पाठक को अपनी भावनाओं से जुड़ने का अवसर देता है।
~~~आराध्यापरी~~~
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