Hindi best shayari -:"हिंदी बेस्ट शायरी" का संग्रह आपके दिल की गहराईयों में छिपी भावनाओं को बाहर लाने का एक सशक्त माध्यम है। यह शायरी न केवल आपकी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है, बल्कि यह आपको अपने भीतर की दुनिया को समझने का अवसर भी प्रदान करती है।
-) कुछ ना कर पाएं तो क्या होगा,
ये होगा एक ताज़ मिलेगा सिर पर ।।
बदनामी का नाम जुड़ा होगा ,
मैं सब ठीक करना भी चाहूंगा,
पर सब कुछ बर्बाद होगा। ।
-) हमारे हिस्सें में भी कुछ तो खुशियाँ लिख दें ,
हम सभी की पसंद नहीं ।।
हमें ख़ुश होनें के लिएं ,
सजदें पड़ने पड़ते हैं।।
-) जिस ज़माने से हमें बचना था,
हमनें बस उसी के यहां घर कर लिया ।।
और तो क्या हो सकता था,
बुरी नियत से बचना था ,
हम ही बुरी नियत बन गएं ।।
-) कभी हो मुलाक़ात ख़ुदा से तो पूछना ये,
मेरे हिस्से की खुशियां किसी ग़रीब के हिस्से में कर आएँ हैं क्या ।।
एक उम्र से मेरे चेहरे पर,
हँसी ने दस्तक दी नहीं हैं।।
-) ख़ुद पर यक़ीन करना भीं ,
बड़ा अजीब हैं आशुतोष ।।
एक हमें अकेला छोड़ कर,
सभी को यक़ीन हैं कि नाकामयाब होंगें हम सौ दफा ।।
-) मैं अब एक जंग में हूं ,
मेरे विरोध में मेरा ये चंचल मन हैं।।
कभी ये मुझको परास्त कर देता हैं,
कभी इसकी चंचलता को मैं परास्त कर देता हूं ।।
-) क्या चाह रहें थें हम ,
क्या कर बैठें ।।
इसमें अब दोष किसी को भीं क्या दें,
जो कर लिया ख़ुद की ग़लती थीं,
अब जो हैं यहीं सत्य हैं ।।
-) एक घर से बेघर कीजियें,
कब तक बेशर्मी को अपनाएंगे हम ।।
कभी तो बात अना पर आ बनेंगी हमारी ,
कब तक ख़ुद को बेइज्जत करवाएंगे हम ।।
-) जब ख़ुद से भरोसा उठने लगें ,
ख़ुदा की रहमतें तेज़ाब सी बरसने लगें ।।
तो इसको क्या समझ लीजियें,
इसको बस बुरे दौर की मार समझ लिजिएं,
इसके सिवा ये कुछ भीं नहीं ।।
-) हमें जिस की चाह थीं,
उसको हमनें एक अरसे पहले खो दिया ।।
अब चाहतों के नाम पर ,
हम कुछ नहीं मांगते ,
जो हैं ठीक हैं बस यहीं चाहत हैं।।
-) मुझे दरकिनार करने वालें,
मेरी एक झलक को तरह जायेंगे ।।
आज की ख़बर बड़ी ख़राब हैं माना मेरी,
कभी तो अच्छें दौर में आयेंगे।।
कुछ ये भीं सुने बात हमारी खुलें विचारों से,
हर काली रात के बाद सवेरा आता हैं।।
-) सब खत्म हो रहा हैं,
एक सुबह हुईं थीं ।।
जगमग सी अब रात का बसेरा हो रहा हैं,
कुछ बचाने को भीं बचा नहीं,
जो था वो सबकुछ भीं खो रहा हैं ।।
-) मैं अपनी दास्तां को ,
कैसे बयां करूं ।।
लब्ज़ जो लिखने चाहें कभी,
आशुओं की धारा बनके वे बह चलें हैं।।
इस वक्त की घड़ियां,
पुराने ज़ख्मों पर नमक छिड़क कर गईं हैं।।
-) खुशनसीब हैं वे जिन्हें मंज़िल मिल गईं,
वरना कईयों की उम्र तो मंज़िल की तलाश में गुज़र गईं।।
-) कुछ ना कर सकने का मलाल तो हैं,
मेरी चाहत समंदर की गहराई नापने की,
आसमां को चीर दिखाने की थीं ।।
मग़र जो ये हुआ इसका क्या करें हम,
ये वक़्त और हालात दोनों ही विपरीत दिशाओं का चयन कर बैठें ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
तो आइए, हमारे साथ इस शायरी की दुनिया में खो जाइए और अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालिए। हमारी "हिंदी बेस्ट शायरी" का संग्रह आपके दिल की आवाज़ को दुनिया तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
-) किसी और की ख़ुशी में शामिल थे हम,
अपनी कहानी में अकेले शामिल थे हम।
-) मेरी हर कविता, हर गीत में तू है,
मेरी कहानी का संगीत भी तू है।
-) अब तो आइना भी पराया लगता है,
मेरी कहानी में बस साया लगता है।
-) भीड़ में भी खुद को अकेला पाया,
मेरी कहानी ने मुझे ही भुलाया।
-) लम्हों की किताब थी,
बस तू ही अल्फ़ाज़ था।
-) अब तेरे बिना कुछ अधूरा नहीं,
क्योंकि मेरी कहानी में अब तू ज़रूरी नहीं।
-) दर्द ही सही, पर अपनी कहानी है,
तन्हाई में ही सही, पर कुछ रवानी है।
-) कभी दिल से सोचा,
तो खुद से रोया।
-) हर रोज़ एक पन्ना फाड़ता हूँ,
तेरी यादों को मारता हूँ।
-) तेरे बाद जिंदगी बदली नहीं,
बस मेरी कहानी थमी रही।
हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध शायरी के संग्रह में आपको विभिन्न शायरों की रचनाएँ मिलेंगी, जो उनकी व्यक्तिगत अनुभवों और दृष्टिकोणों को दर्शाती हैं। यह शायरी न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि यह आपके विचारों और भावनाओं को एक नया आयाम देती है।
-) क्या गिला करें अब किसी से,
जब अपनी कहानी ही बेवफा निकली।
-) कहानी मेरी कुछ खास नहीं,
पर इसमें तेरा अहसास है कहीं।
-) चुप रहकर भी बहुत कुछ कह दिया,
मेरी कहानी ने आवाज़ों से इंकार कर दिया।
-) मेरी जुबां चुप थी,
पर कहानी बोल रही थी।
-) जो लफ़्ज़ों में ना उतर सके,
वो मेरी कहानी में उतर गए।
-) तेरे बिना जीना भी सीख लिया,
मेरी कहानी को खुद से सील दिया।
-) अब कोई ख्वाब बाकी नहीं,
क्योंकि मेरी कहानी में जवाब बाकी नहीं।
-) तेरे जाने से कुछ टूटा नहीं,
पर मेरी कहानी का पन्ना छूटा नहीं।
-) मेरी हँसी भी अब कहानी बन गई,
हर खुशी भी अब पुरानी बन गई।
-) ये दुनिया नहीं समझ पाई,
मेरी कहानी की तन्हाई।
-) चाहा तुझे अपनी रूह से,
लिख दी कहानी खामोशी से।
-) हर मोड़ पे तुझसे मिला,
फिर भी मेरी कहानी अधूरा मिला।
-) जो लोग हँसते हैं मेरी हालत पर,
वो क्या जानें मेरी कहानी क्या कहती है।
-) आँसू पूछते हैं तुझसे सवाल,
क्यों अधूरी रही मेरी कहानी हर हाल?
-) तेरे बिना भी मुस्कुराना सीख लिया,
अब मेरी कहानी को दर्द से सजा दिया।
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~~~आराध्यापरी~~~
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