Hindi best shayari :- "हिंदी बेस्ट शायरी" एक ऐसी भावनात्मक अभिव्यक्ति है जो दिल की गहराइयों से निकलकर शब्दों के रूप में सामने आती है। यह शायरी प्रेम, दर्द, प्रेरणा, दोस्ती, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुंदरता और सटीकता के साथ प्रस्तुत करती है। हर शेर, हर मिसरा एक कहानी कहता है, जो पाठक को अपने भीतर की भावनाओं से जोड़ता है। यदि आप भी अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालना चाहते हैं या किसी खास व्यक्ति को अपनी भावनाओं का इज़हार करना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध "हिंदी बेस्ट शायरी" का संग्रह आपके लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगा।
-) सबकुछ ही ख़त्म करने वालें हैं हम,
एक नईं दास्तां लिखने वाले है हम ।।
और तो कुछ हैं नहीं लिखने को ,
सारी उम्र एक परेशानी में रहें बस उसको लिखने वाले हैं हम ।।
-) आख़िर किसने समझा हमें हमारे जितना ,
कोई एक तिनका भर भीं समझ लेता ।।
तो जान जाता जीते जी मरना कैसा होता हैं,
जिंदा लाश बनके घूमना कैसा रहता हैं।।
-) किसी ने उस नज़र से देखा हीं नहीं,
जिस नज़र के तलबगार थें हम ।।
सबने बेरुखी भरीं नज़रें उठाई,
जिनके तनिक भीं हकदार ना थें हम ।।
-) हाल पूछ रहें हैं वे ,
जिन्हें बग़ैर बताएं सब मालूम होना चाहिएं था ।।
उनकी ही रहमत हैं ये ,
हम उम्र के आख़िरी पड़ाव में आ गिरे ।।
-) हमें जिंदा बचाएं रखने की बात थीं,
दवा के नाम पर वो ज़हर दे गया ।।
जो पूछा मैंने की ये कड़वी क्यों हैं,
वो करेले का उदाहरण दें गया ।।
मैं उस ज़हर से बच भीं सकता था,
मैं क्या करता बचकर जब बचाने वाला ही ज़हर दे गया ।।
-) मुझे मेरे घर से बेघर करने की साज़िश कमाल हुईं,
बात जब उनसे ना बनी ।।
आरोप का पिटारा मेरे सिर मढ़ा गया ,
मैं बेदाग़ था सबकी निगाह में ,
मेरी आबरू को बचाने बस मैं घर से निकल गया ।।
-) मेरे ना लौटने का दुःख किसी को भीं तो नहीं,
लौटूं या यहीं रह जाऊं मन सवाल तमाम करता हैं।।
ये हिचकी भीं तो एक दफ़ा भीं नहीं आईं,
किसी को मेरी याद भीं तो नहीं आईं।।
मैंने बंद रास्तों से अब रिश्ता कर लिया ,
अपने आशियाने को अंजान शहर में कर लिया ।।
-) भूल जाना ही सबकुछ हैं अब ,
जाने वालें कभी लौटते नहीं ।।
परिंदे उड़ जाते हैं सुखी डालों से ,
वे उस घोंसले में फिर कभी रहते नहीं ।।
-) मैं ग़म को ग़म ना लिख पाया ,
मेरे हर ग़म में मेरी तनहाई समटा गईं थीं ।।
ग़म तो आख़िर ग़म थें ,
अधूरी कहानी बस अधूरी रह गईं थीं।।
-) एक रोज़ जो बादलों के पार हम जाएंगे ,
फ़िर लौट के कभी हम ना आएंगे ।।
बड़े ज़ुल्म कियें थे ज़माने ने ,
हम सबसे आज़ाद हो जाएंगे ,
हम बड़ी दूर कहीं खो जाएंगे ।।
-) ढूंढते रह गएं कहानी मेरी किताबों में वे ,
हक़ीक़त से वाक़िफ होतें तो बंद किताबें खोलनी नहीं पड़ती ।।
एक निग़ाह उठाते कहानी अपने आप को बयां ख़ुद बा ख़ुद कर जाती,
पड़ने वाले किताब खोजते रह गएं,
अनपढ़ों ने सारा सच जान लिया ।।
-) हमारे हिस्से का हक़दार होना चाह रहा था वो ,
देखा जब उसने ग़म ही ग़म हैं हिस्से मेरे ।।
उसने अपना इरादा ये कहकर बदल लिया,
सबकुछ हैं पास मेरे अब तुझसे हिस्सेदारीं की जरूरत नहीं ।।
-) मुस्कुराएं हम ये भी कैसी बात हैं,
आम के पेड़ पे भीं भला कभीं खजूर लगते है क्या।।
-) मुझे वहम यह हैं कि मैं ठिक्क हूं,
और हक़ीक़त ये हैं मैं सिर से पैर तक मैं बीमार हूं ।।
वहम ये पाल रखा हैं कि इन सबका इलाज़ हैं,
हक़ीक़त ये हैं कि हम जैसों का इलाज़ नहीं।।
-) तुझे ख़बर देने की बात थीं,
की अब मैं हाल से बदहाल हूं ।।
ख़त ले जाने वालें कबूतर को ,
तेरी आँखों का ख़्याल आ गया ।।
वो तुझे उदास ना देख सकता था ,
तो उसने ख़त को जाने किस छत पे फ़ेंक दिया।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
"हिंदी बेस्ट शायरी" न केवल शब्दों का खेल है, बल्कि यह हमारी भावनाओं, विचारों और संवेदनाओं का सुंदर मिश्रण है। यह शायरी हमें अपने भीतर की गहराईयों को समझने और व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करती है। हर शेर, हर मिसरा एक नई दुनिया की ओर इशारा करता है, जहाँ प्रेम, दर्द, हंसी, ग़म, और संघर्ष की अनगिनत कहानियाँ समाहित हैं।
-) तेरी आराधना में बीते हर एक साँस का पल,
तुझमें ही डूबी है मेरी दुनिया का हल।
-) सुबह की किरण से पहले तेरा नाम लिया,
दिल ने हर धड़कन में तेरा धाम किया।
-) मैं आरती नहीं, तेरा ध्यान बन गया,
सांसों में बसा तू, मेरा प्राण बन गया।
-) तेरे नाम की लौ जले हर रात मेरे मन में,
मंदिर नहीं, बसा है तू इस पावन तन में।
-) तेरी पूजा में कोई विधि-विधान नहीं,
तेरा इश्क ही मेरा इमाम और ईमान सही।
-) तेरे दर्शन की चाह ने सब कुछ भुला दिया,
खुदा से बढ़कर तुझे मैंने खुदा बना लिया।
-) फूल नहीं, अश्रु चढ़ाए हैं तुझे,
आराध्य तू, सबकुछ समर्पित है तुझे।
-) तेरे बिना जैसे दीप बिना बाती,
तू ही मेरी भक्ति, तू ही मेरी शांति।
-) ना घंटा ना शंख, ना मंत्र की आवाज,
तेरे नाम से ही मिट जाता है हर राज।
-) मेरी पूजा तेरे नाम की माला है,
मेरी आत्मा तेरे चरणों की हाला है।
-) तेरे चेहरे में देखा मैंने सारा ब्रह्मांड,
तू आराध्य भी, तू ही जीवन का छंद।
-) तेरे स्मरण में बसा है मेरा हृदय,
तू ही देवता, तू ही मेरा शाश्वत सतय।
-) आरती नहीं, अश्कों से पूजा करता हूँ,
तेरे ख्यालों में खुद को भुला देता हूँ।
-) तू आराध्य, तुझसे बढ़कर कोई नहीं,
इस दिल की धड़कन में बस तू ही सही।
-) तेरी छवि में निखरते हैं भाव मेरे,
तुझसे जुड़कर पाए हैं अर्थ सारे।
यदि आप भी अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध "हिंदी बेस्ट शायरी" का संग्रह आपके लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगा। यहाँ आपको विभिन्न भावनाओं को व्यक्त करने वाली शायरियाँ मिलेंगी, जो आपके दिल की बात को शब्दों में ढालने में मदद करेंगी।
-) हर दिन तेरा नाम जपता रहा,
खुद को तेरे चरणों में समर्पित करता रहा।
-) ना मूर्ति चाहिए, ना कोई तस्वीर,
तेरे ख्यालों में है मेरी तक़दीर।
-) तेरी भक्ति में बहा दी मैंने दुनिया सारी,
तेरे बिना अधूरी है ये प्रेम पुकारि।
-) तेरे नाम में जो सुकून है कहीं और नहीं,
तू आराध्य है, बस तू ही सही।
-) मंदिरों में नहीं, दिल में बसा है तू,
मेरी हर सुबह का पहला नशा है तू।
-) तेरी आराधना मेरा इश्क बन गई,
तू ही मेरी पूजा, तू ही बंदगी।
-) हर व्रत, हर उपवास में तेरा नाम लिया,
तुझसे मिलकर ही जीवन को सारा ज्ञान मिला।
-) मेरी रातों की तन्हाई में तेरा ध्यान है,
तू मेरा इश्क़ नहीं, आराध्य का स्थान है।
-) तुझसे बढ़कर ना कोई साधना रही,
तेरे बिना हर दुआ अधूरी ही सही।
-) तेरी आराध्या में खुद को खो दिया,
इस जीवन को तेरे चरणों में सौंप दिया।
हमारी शायरी का उद्देश्य न केवल मनोरंजन है, बल्कि यह आपके भीतर की भावनाओं को समझने और व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम भी है। चाहे वह प्रेम हो, दोस्ती हो, प्रेरणा हो, या जीवन की कठिनाइयाँ, हमारी शायरी हर पहलू को छूने का प्रयास करती है।
~~~आराध्यापरी~~~
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