Hindi best shayari-: "हिंदी बेस्ट शायरी" एक ऐसी काव्यात्मक अभिव्यक्ति है जो दिल की गहराइयों से निकलकर शब्दों के रूप में सामने आती है। यह शायरी न केवल प्रेम, विरह, और दोस्ती जैसे भावनाओं को सुंदरता से व्यक्त करती है, बल्कि जीवन की सच्चाइयों और अनुभवों को भी उजागर करती है। हर शेर में एक नई सोच, एक नई दृष्टि, और एक नई कहानी छिपी होती है जो पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती है। यदि आप अपनी वेबसाइट पर "हिंदी बेस्ट शायरी" प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यह न केवल आपके कंटेंट को समृद्ध बनाएगा, बल्कि पाठकों के दिलों में भी एक विशेष स्थान बनाएगा।
-) देर से आने वालें,
ये इतना और एहसान कर ।।
की आ ही ना अब ,
शिक़ायत हम ये कर लेंगे कि मिलने कि तुझे थीं ही नहीं ।।
देर से आने पर ये कहकर बच निकलता हैं तू
की मैं आया तो हूं,
अब तेरी इन ना समझ सी चालाकी को दूर कर ।।
-) याद बन गएं थे जो कभी ,
अब हक़ीक़त में नज़र आने लगें ।।
हम सोचतें थें कि दूर निकल गएं वे अब आ ना सकेंगे,
मग़र वे दूर उलफ़तोँ से लौट आने लगें ।।
-) हक़ीक़त से वाक़िफ नहीं ये ज़माने भर के लोग,
एक हँसी के पीछे बस एक चेहरा नहीं होता ।।
हसीनों ने ज़रा सा मुस्कुराकर चैन लाखों के छीनें हैं,
हर कोई साफ दिल नहीं होता ।।
-) कुछ तो ग़लत हुआ हैं,
उस एक शख़्स के साथ ,
यूं ही क़लम बेवफ़ाई लिखना पसंद नहीं करती ।।
-) बदनामियों के डर से प्यार करना छोड़ दो,
अगर प्यार हैं तो नाम बदनाम लाज़मी हैं।।
छुपते छुपाते मिलते हैं लोग ,
खुलें मैदान की सैर करना अभी खुदकुशी की आरज़ू हैं।।
-) हम बदनसीबों से मुकद्दर वाले यूं ना बात किया करो,
हम जिसको बड़ी मन्नतों से मांगते हैं ,
वह हासिल तुमको क्षणिक पलों में हैं।।
-) आज दिल ही ना टूटा बहुत कुछ हो गया ,
ऐसा लगा आसमान ज़मीन दोनों किसी इंसान को निग़ल गएं।।
हम नम आँखो से उसे तलाशते रह गएं,
वो सब बातें छोड़ बस विलुप्त हो गएं।।
-) ये उम्मीद भी नहीं के वो वापिस आएगा ,
दूर आसमानों से वास्ता हैं उसका अब ।।
मैं चाह कर भीं कुछ नहीं कर सकता ,
मेरी अनिश्चितताओं की निश्चितता हैं वो अब ।।
-) आसमां कभी नूर बरसाता हैं,
कभी तेज़ाब सा रूठ जाता हैं।।
कभी फसलों को हरी भरी कर जाता हैं,
कभी जलमग्न पृथ्वी कर जाता हैं।।
रहमत अजीब सी हैं इसके मन की ,
कभी दोस्त कभी दुश्मन बन जाता हैं।।
-) नदियों ने रास्ता क्या बदला ,
लोगों ने जाना कि ये मैदान छोड़ देती हैं।।
नये रास्ते बना देना किसी और के बस की बात नहीं हैं,
जन्मों का तजुर्बा मन की शांति और ना जाने क्या लाना होता हैं।।
-) अब नाम बदनाम हो गया ,
कुछ जो कमाया था वो भीं कोई और ले गया ।।
कुछ ना हासिल हुआ पुराना सब चला गया,
एक दोस्त था वर्षों से साथ मेरे ,
वक्त ने खेल क्या खेला,
वो भीं ख़ुदा को प्यारा हो गया ।।
रहमों करम की भीख मांगी जो ख़ुदा से,
तो अंधेरे में कहीं चिराग़ जल ही गया ,
मांगा ज़्यादा कुछ नहीं ,
हमें कबूलनामें में आशुतोष मिल गया ।।
-) रातों की नींद से अब दोस्तों नहीं,
हमनें चांद का दीदार कर लिया ,
बस उसकी चांदनी में खोएं हुएं रहतें हैं।।
-) इस बात से इनकार ना करना ,
की हम तेरे नहीं हैं ।।
अगर ये सच ना हुआ तो ,
हम किसी के नहीं हैं ।।
हम दुआओं को क़बूल हैं,
और दुआ हम हैं तो नहीं तो फ़िर हम नहीं हैं।।
-) बातें असमंजस में होने लगीं ,
सुनकर आँखें भर आने लगीं ।।
हमारे ऊपर इल्ज़ामात भी तमाम हैं,
बातें जब उनने हमारे विरोध में करी तो,
हमारी जान ना गईं बस आ तन बदन में लगने लगीं।।
-) तेरा इश्क़ मंज़िल हैं मेरी ,
इसके आगे और कुछ ना चाहता है मेरी ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
-) मैं कौन हूँ, ये सवाल हर शाम पूछता हूँ,
आईने में खुद से रोज़ नाम पूछता हूँ।
-) चलती हवाओं से पूछ बैठा मैं कौन हूँ,
ख़ामोशी ने मुस्कुरा कर कहा—"ख़ुद का जुनून हूँ।"
-) नाम मेरा कई हैं, चेहरा एक भी नहीं,
मैं वो सवाल हूँ जिसका जवाब तकदीर भी नहीं।
-) रिश्तों की भीड़ में अक्सर खो जाता हूँ,
ख़ुद से मिलने को ही हर रोज़ लौट आता हूँ।
-) मैं परछाईं हूँ या कोई अधूरी कहानी,
हर मोड़ पे ढूँढी है मैंने अपनी निशानी।
-) सन्नाटों में भी मुझसे बातें करता हूँ,
मैं कौन हूँ, अब भी खुद से डरता हूँ।
-) हर लम्हा एक नया सवाल बना,
मैं कौन हूँ—इसका कोई हाल बना?
-)कभी किताबों में, कभी ख्यालों में बसा,
मैं एक अधूरा सफर, ना कोई रास्ता।
-) जब भी सोचा खुद को, एक साया निकला,
मैं कोई शख्स नहीं, बस एहसास निकला।
-) हर चेहरा मेरा, हर बात मेरी,
फिर भी क्यों लगती ज़िन्दगी अधूरी?
-) मैं पत्थर नहीं, ना ही कोई रौशनी,
मैं तो बस एक चलती हुई खामोशी।
-) खोज में निकला तो सवाल बन गया,
मैं कौन हूँ, ये ख्याल बन गया।
-) मेरा नाम भी मुझसे अनजान है,
कौन हूँ मैं—ये सवाल हर शाम है।
-) खुद से मिलना भी जैसे मंज़िल है कोई,
मैं हूँ कौन—ये भी मुश्किल है कोई।
-) हर चेहरे में खुद को टटोलता हूँ,
मैं कोई नहीं, बस खुद को बोलता हूँ।
"हिंदी बेस्ट शायरी" न केवल शब्दों का संगम है, बल्कि यह हमारी भावनाओं, विचारों और संवेदनाओं का एक सशक्त माध्यम है। हर शेर, हर मिसरा एक नई कहानी बयां करता है, जो पाठकों को आत्ममंथन और भावनात्मक जुड़ाव की ओर प्रेरित करता है। यदि आप अपनी वेबसाइट पर "हिंदी बेस्ट शायरी" को प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यह न केवल आपके कंटेंट को समृद्ध बनाएगा, बल्कि पाठकों के दिलों में भी एक विशेष स्थान बनाएगा।
-) आईना भी अब जवाब नहीं देता,
मैं कौन हूँ—ये सवाल क्यों नहीं सुलझता?
-) चुपचाप हूँ, मगर शोर हूँ अंदर,
मैं कौन हूँ—ये जंग है अक्सर।
-) ज़िन्दगी ने कई नाम दिए,
पर मैं अब भी बिना पहचान जिए।
-) ना कोई नाम, ना कोई पता,
मैं बस एक सोच हूँ—रहा।
-) जब भी खुद को टटोला, खाली पाया,
मैं कौन हूँ—ये सवाल भारी पाया।
-) ना मैं कल था, ना मैं आज हूँ,
मैं बस एक सवाल सा राज हूँ।
-) मैं धड़कन हूँ या कोई साज हूँ,
खुद में ही उलझा एक ताज हूँ।
-) मेरे अंदर कई लोग रहते हैं,
मैं कौन हूँ—ये वो भी कहते हैं।
-) ख्वाबों में ढूँढा, यादों में छुपा,
मैं कौन हूँ—हर जगह खुद को टटोलता।
-) खुद से खुद की पहचान छुपी है,
मैं कौन हूँ—ये बात कहीं रुकी है।
"हिंदी बेस्ट शायरी" की दुनिया में हर शब्द एक नई भावना को जन्म देता है। यह शायरी न केवल दिल की गहराइयों को छूने का काम करती है, बल्कि यह हमारे विचारों और संवेदनाओं को भी शब्दों में ढालती है। हर शेर, हर मिसरा एक नई कहानी सुनाता है, जो पाठक को आत्ममंथन और भावनात्मक जुड़ाव की ओर प्रेरित करता है। यदि आप अपनी वेबसाइट पर "हिंदी बेस्ट शायरी" को प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यह न केवल आपके कंटेंट को समृद्ध बनाएगा, बल्कि पाठकों के दिलों में भी एक विशेष स्थान बनाएगा।
~~~आराध्यापरी~~~
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