Heart break shayari-: बेस्ट हार्ट शायरी , आपके लिए लाएं हैं हम top 15 sad shayari, जो कि बेवफाओं के लिए हैं। इसमें हमने दिल टूटने के बाद जो दर्द होता हैं उसे लिखा गया हैं ।।
1 ) हम अपनी जान को उसके नाम लिखते हैं,
सूखे के मौसम में सावन को पैग़ाम लिखते हैं।।
और तो कुछ जानता नहीं मैं,
जो कोई पूछें सवाल कोई तो जबाव में उसका नाम लिखते हैं।।
2 ) बंद चार दीवारों में क़ैद हम हो गएं हैं,
राहें मंज़िल में अब खो गएं हैं ।।
और तो कुछ हुआ नहीं हासिल ,
कुछ लोग थें कभी साथ में चलते चलते जाने वे कहा गायब हो गएं हैं ।।
3 ) मैं जाने ख़ुद से इतना नाराज़ सा क्यों रहने लगा ,
गुनहगार और कोई हैं मेरे इल्ज़ाम का ।।
मैं किसी और की सारी उल्फतें ,
अपने सिर जाने क्यों मढ़ने लगा ।।
4 ) आसमान को एक रोज देखा तो ,
लगा यूं के बस सब आसमान सा हो जाएं ।।
काली घटाएं तेज हवाएं ,
काला भयानक तूफ़ान का वो मंज़र सब सच हो जाएं ।।
5 ) ना जाने कितने चराग बुझेंगे ,
हमसे हमारा सब छीन ने में ।।
कोशिशें तमाम हुईं लोगों की ,
मग़र रंजो ग़म के सिवा उन्हें कुछ हासिल ना हुआ ।।
6 ) ये कपड़ों की तरह लोग बदलने वाले लोग ,
हमसे हमारी शख्सियत पूछतें है ।।
हम ख़ुद को मिटा भी ले तो ,
औरों से ज्यादा साथ देते हैं।।
7 ) किसी के दिल की धड़कन में हम मिलने लगें ,
लगे हैं अब की हम किसी की आशिक़ी बनने लगें।।
हम ख़ुद में संवरने लगें,
औरों की बातों में महकने लगें।।
8 ) हमको हासिल ही ना हुआ ,
दो पल का साथ ,
झूठ बोलनें वालों की उम्रेंं कम पड़ गईं।।
सच का दामन सच में कड़वा हैं,
जो हमनें ज़रा सी सरगम छेड़ी तो वे अपने रास्तेंं निकल गईं।।
9 ) मेरे हिस्से की ख़ुशी जाने किसके लिए समेट रहे हो,
मुझसे जाने क्यों सारें नाते तोड़ रहें हो ।।
कभी ख़ुदा की अदालत लगेंगी,
मैं चाहता हूं फ़िर तुम्हारे सारे गुनाहों की उस अदालत में कबूल हो ,
जो तुम बन जाते हो सच के पुजारी ,
फिर सजाएं मौत तुम्हारी मंज़िल हो ।।
10 ) एक सितम ये भी कर,
और तो कुछ हैं नहीं पाने को ।।
मौत का फ़रमान मेरा हो ,
मुझे वक़्त से पहले मौत क़बूल हो ।।
11 ) कागज़ों के टुकड़ों में हम अपने आप को खोजते हैं,
किसी ख़त की स्याही में हम अपना नाम खोजते हैं।।
होता तो कुछ इनमें वैसे भी नहीं ,
हम अपने मन की चंचलता को इसमें खोजते हैं।।
12 ) तेरे बाद दिल ना धड़केगा ,
किसी और के नाम का ।।
ज़िंदगी का सफ़र तो होगा ,
बस मौत के नाम का ।।
13 ) एक कहानी का किरदार ना कर,
मुझसे तू इनकार ना कर ।।
मैं हासिल तुझे तनिक भीं नहीं ,
यूं मेरी बदनामियों को अपने सिर का ताज ना कर।।
14 ) किसी के इश्क़ में तन्हा रहने लगें ,
हम शायद उनसे इश्क़ करने लगें ।।
रातों की नींद से दोस्ती नहीं ,
हम ख़्वाबों में उनके सपने संजोने लगें ।।
15 ) मेरे मेहबूब को खुशियाँ तमाम दें,
उसके नाम का मुझे आराम दें ।।
किसी और के लिए कलमा पड़ा ही नहीं मैंने कभी,
मेरी दुआओं से उसको आराम दें ।।
~~आशुतोष दांगी
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