Hindi best shayari -: जब शब्द दिल की गहराइयों से निकलते हैं, तो वे शायरी का रूप लेकर आत्मा को छू जाते हैं। हमारी वेबसाइट पर पेश की गई hindi best shayari उन जज़्बातों की सच्ची अभिव्यक्ति है, जो प्रेम, विरह, दोस्ती और जीवन की सच्चाइयों को खूबसूरती से बयां करती है। हर शेर और हर मिसरा इस तरह लिखा गया है कि पाठक अपने भावों को उसमें ढूंढ सके। अगर आप भावनाओं को शब्दों में ढालने का सच्चा जरिया तलाश रहे हैं, तो यह जगह आपके दिल को ज़रूर सुकून देगी।
-) हम अपनी जान को उसके नाम लिखते हैं,
सूखे के मौसम में सावन को पैग़ाम लिखते हैं।।
और तो कुछ जानता नहीं मैं,
जो कोई पूछें सवाल कोई तो जबाव में उसका नाम लिखते हैं।।
-) बंद चार दीवारों में क़ैद हम हो गएं हैं,
राहें मंज़िल में अब खो गएं हैं ।।
और तो कुछ हुआ नहीं हासिल ,
कुछ लोग थें कभी साथ में चलते चलते जाने वे कहा गायब हो गएं हैं ।।
-) मैं जाने ख़ुद से इतना नाराज़ सा क्यों रहने लगा ,
गुनहगार और कोई हैं मेरे इल्ज़ाम का ।।
मैं किसी और की सारी उल्फतें ,
अपने सिर जाने क्यों मढ़ने लगा ।।
-) आसमान को एक रोज देखा तो ,
लगा यूं के बस सब आसमान सा हो जाएं ।।
काली घटाएं तेज हवाएं ,
काला भयानक तूफ़ान का वो मंज़र सब सच हो जाएं ।।
-) ना जाने कितने चराग बुझेंगे ,
हमसे हमारा सब छीन ने में ।।
कोशिशें तमाम हुईं लोगों की ,
मग़र रंजो ग़म के सिवा उन्हें कुछ हासिल ना हुआ ।।
-) ये कपड़ों की तरह लोग बदलने वाले लोग ,
हमसे हमारी शख्सियत पूछतें है ।।
हम ख़ुद को मिटा भी ले तो ,
औरों से ज्यादा साथ देते हैं।।
-) किसी के दिल की धड़कन में हम मिलने लगें ,
लगे हैं अब की हम किसी की आशिक़ी बनने लगें।।
हम ख़ुद में संवरने लगें,
औरों की बातों में महकने लगें।।
-) हमको हासिल ही ना हुआ ,
दो पल का साथ ,
झूठ बोलनें वालों की उम्रेंं कम पड़ गईं।।
सच का दामन सच में कड़वा हैं,
जो हमनें ज़रा सी सरगम छेड़ी तो वे अपने रास्तेंं निकल गईं।।
-) मेरे हिस्से की ख़ुशी जाने किसके लिए समेट रहे हो,
मुझसे जाने क्यों सारें नाते तोड़ रहें हो ।।
कभी ख़ुदा की अदालत लगेंगी,
मैं चाहता हूं फ़िर तुम्हारे सारे गुनाहों की उस अदालत में कबूल हो ,
जो तुम बन जाते हो सच के पुजारी ,
फिर सजाएं मौत तुम्हारी मंज़िल हो ।।
-) एक सितम ये भी कर,
और तो कुछ हैं नहीं पाने को ।।
मौत का फ़रमान मेरा हो ,
मुझे वक़्त से पहले मौत क़बूल हो ।।
-) कागज़ों के टुकड़ों में हम अपने आप को खोजते हैं,
किसी ख़त की स्याही में हम अपना नाम खोजते हैं।।
होता तो कुछ इनमें वैसे भी नहीं ,
हम अपने मन की चंचलता को इसमें खोजते हैं।।
-) तेरे बाद दिल ना धड़केगा ,
किसी और के नाम का ।।
ज़िंदगी का सफ़र तो होगा ,
बस मौत के नाम का ।।
-) एक कहानी का किरदार ना कर,
मुझसे तू इनकार ना कर ।।
मैं हासिल तुझे तनिक भीं नहीं ,
यूं मेरी बदनामियों को अपने सिर का ताज ना कर।।
-) किसी के इश्क़ में तन्हा रहने लगें ,
हम शायद उनसे इश्क़ करने लगें ।।
रातों की नींद से दोस्ती नहीं ,
हम ख़्वाबों में उनके सपने संजोने लगें ।।
-) मेरे मेहबूब को खुशियाँ तमाम दें,
उसके नाम का मुझे आराम दें ।।
किसी और के लिए कलमा पड़ा ही नहीं मैंने कभी,
मेरी दुआओं से उसको आराम दें ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
अगर आप दिल से निकली भावनाओं को शब्दों में ढालने की तलाश में हैं, तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध hindi best shayari का संग्रह आपके जज़्बातों को बख़ूबी बयां करेगा। यहाँ आपको मोहब्बत, दोस्ती, तन्हाई और ज़िन्दगी से जुड़ी हर अहसास को छूने वाली शायरी मिलेगी, जो न सिर्फ पढ़ने वाले को भावुक कर देगी बल्कि आपके शब्दों को भी एक नई पहचान देगी। हमारी हर शायरी ओरिजिनल, दिल से लिखी गई और पूरी तरह से प्लैगियारिज़्म फ्री है, जिससे आपका अनुभव सच्चा और अनोखा बना रहेगा।
-) थक चुका है तन, अब तो रूह भी सुस्ताने लगी है,
दवा से ज़्यादा दुआ असर दिखाने लगी है।
-) हर धड़कन अब कुछ कहती सी लगती है,
शरीर की खामोशी भी चीखती सी लगती है।
-) बिस्तर से दोस्ती हो गई है अब मेरी,
सफ़र अधूरा रह गया, पर साँसें जारी हैं।
-) तकलीफ़ का अब हिसाब नहीं रखता,
हर दर्द पर अब मुस्कुरा कर सहता।
-) चलने की ख्वाहिश अब भी जिंदा है,
बस पाँवों में थोड़ी कम ताक़त है।
-) अब आईना भी हाल नहीं पूछता,
बीमारियाँ चेहरा पढ़ना सीख गई हैं।
-) दिन तो जैसे-तैसे कट जाता है,
रातें हैं जो आँखों में सिमट जाती हैं।
-) दवाओं में अब वो असर कहाँ,
जो माँ की ममता में छुपा था यहाँ।
-) चलो बीमारी ने एक सबक तो दिया,
सुकून सबसे बड़ी दौलत है यह सिखा दिया।
-) दर्द है, मगर शिकायत नहीं,
ज़िंदा हूँ, यही बहुत है — रियायत नहीं।
-) साँसों की डोर ढीली तो हुई है,
पर हौसला अब भी सीना ताने खड़ा है।
-) चेहरे पर मुस्कान अब भी सजी है,
भीतर की हालत किसी को न दिखी है।
-) थकावट अब बातों में झलकती है,
सेहत की कमी अब आँखों से टपकती है।
-) चुपचाप सहता रहा हर दर्द,
कभी किसी को बताने की हिम्मत ही न पड़ी।
-) नींद तो कब की रूठ गई है,
अब तो जागते रहना ही आदत बन गई है।
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-) हर सुबह एक नई जंग है,
बीमारी से नहीं, खुद से ही संग है।
-) जब से बीमार पड़ा हूँ,
खुद से मुलाक़ात ज्यादा हुई है।
-) तंदरुस्ती की कीमत अब समझ आई,
जब से बिस्तर से मोहब्बत हो गई भाई।
-) वो कहते हैं "सब ठीक हो जाएगा",
मैं मुस्कुरा कर कहता हूँ, "इंशा अल्लाह"।
-) अब तो दर्द भी अपना सा लगता है,
हर रोज़ एक नया रिश्ता बनता है।
-) बीमार तन से जो न हार माने,
वो इंसान सच में बहादुर जाने।
-) अब अल्फाज़ भी थक से गए हैं,
जब से जिस्म में दर्द घर कर गए हैं।
-) दवा तो मिलती है हर नुक्कड़ पे,
पर सुकून नहीं मिलता किसी कोने पे।
-) वो कहते हैं "सामान्य हो जाओ",
काश! ये भी कोई बटन होता दबाने वाला।
-) बीमारी ने तो शरीर थकाया,
पर आत्मा को और मजबूत बनाया।
इस डिजिटल दौर में जहां हर भावना को व्यक्त करने के लिए शब्दों की अहमियत और भी बढ़ गई है, वहीं हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध hindi best shayari उन सभी जज़्बातों का आईना है जो दिल में छुपे रहते हैं। चाहे आप प्यार का इज़हार करना चाहते हों, तन्हाई में खुद से बात करना चाहें या किसी अपने को याद कर सुकून पाना हो — यहाँ आपको हर मौके के लिए दिल को छू जाने वाली शायरी मिलेगी। हमारी शायरियों की खासियत यह है कि वे पूरी तरह मौलिक हैं और हर शब्द में सच्ची भावनाओं की झलक मिलती है, जिससे पाठक खुद को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करता है।
~~~आराध्यापरी~~~
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