Hindi Best shayari -: यहाँ आपको मिलेगी Hindi Best Shayari की एक अनोखी दुनिया, जहाँ हर शेर आपकी भावनाओं को शब्दों में ढालता है – बिल्कुल मौलिक और दिल से निकला हुआ।
-) किताबों ने रम्ज किया हैं हम पर,
हम किसी के दिल की मोहब्बत नहीं ।।
जो सोचा दिल लगाने का किसी से ,
किताबों ने कहां अभी किसी से मोहब्बत नहीं ।।
-) महफिलों में उनकी नाम बदनाम मेरा कोई कर गया ,
मैं उससे पूछता मगर मेरी मोहब्बत को हवा कोई अंजान कर गया ।।
उसको तो थी खबर मेरी मगर ना जाने फिज़ा कहा की थी,
जाने वालों में सबसे पहले मेरा हमसफर गया ।।
-) मैं ना जाने किस दौड़ का हिस्सा बनके रह गया ,
चले थे लोग कई साथ मेरे मगर,
मैं अकेला सफर में रह गया ।।
किस से कहें हाल- ए -दिल ,
कोई सुनता भी नहीं जज्बात को,
तो फिर मैं अकेला तन्हाई में,
सिर्फ आशुतोष बन कर रह गया ।।
अब मुझसे यूं बात ना करो खुले असमान की ,
मैं पिंजरे में बंद एक द्विज बन कर रह गया ।।
-) अब ना जाने किस दौर में आ उलझा मैं ,
रंजो ग़म के अलावा कुछ भी तो नहीं यहां ।।
इक दौर वो भी था , कयामत के शहर में ,
हर जगह मशहूर मैं था ,
अब जो पूछ लूं कि क्या हूं मैं ।।
जानते नहीं मुझे,तो कहते हैं,
सबकुछ बदल गया , वो यादें अब धुंधली हैं ।।
जान ने वाले सब चले गएं ,
वक्त ने अजीब करवट खाई हैं,
जिन ने वादे किये थे ताउम्र के ,
वक्त से पहले ही उन्होंने अपनी मर्जी चलाई हैं।।
खैर छोड़ो ये जानने की बातें,
जो तस्वीर यादों में हैं मिटा क्यूं नहीं देते उसे ,
ये सब जो तुम कर रहे हों ये खुदा की रुसवाई हैं ।।
बेहतर ये होगा भूल जाओ उन्हें ,
जान ने वाले जान दे गएं,
वो थे तो जानते सब मगर एक बात पर अब गौर करों,
उनके अलावा अब कोई नहीं जानता तुम्हे यहां ।।
-) बिछड़ने की ना जाने किस मोड़ पे उसे याद आईं,
मैंने आंखे भरके बस देखा ही था अभी तो ।।
एक तस्वीर निगाहों से दिल में उतारी थी,
ख्वाबों में उसकी रंगत सवारी थी अभी तो ।।
मौसम बेमौसम बरसात कर ही गया ,
मेरी फ़सल कच्ची थी अभी तो ।।
जो रुक जाता तू तो सबकुछ ठहर जाता ,
ख्वाहिश नहीं यही ख़ुदाई थी मेरी अभी तो ।।
-) तेरे होने का भी अलग ही गुरूर हैं हमको ,
बेवजह ही शहंशाह बने फिरते हैं ।।
तुझको दिल समझके अपनी ,
खूबसूरत कहानी लिखते रहते हैं ,
तू जनता भी नहीं तेरे ना होने का अंजाम क्या हैं ।।
कभी ये कहना भी नहीं कि भूल जाओ मुझे
हम तेरे भूल जाने के अंजाम को मौत लिखा करते हैं ।।
-) तुझे लिखने को दिल चाहता हैं,
लिखें क्या एक कविता बनाने को दिल चाहता हैं ।।
अंधेरी रातों में तुझे पूर्णिमा का ,
चाँद बोलने को दिल चाहता हैं ।।
मैं उलझा हुआ एक नादान हूं,
तुम्हे सुलझा हुआ मन कहने को दिल चाहता हैं ।।
मैं नदियों का पानी हूं ,
तुम्हें समन्दर कहने को दिल चाहता हैं ।।
देखा ही नहीं मैंने अपने आप को कभी,
आपको आईना बनाने का दिल चाहता हैं ।।
-) हम तेरे ना आने का इंतजार एक उम्र तक करेंगे
तू ना आया तो फिर हम न रहेंगे ।।
वास्ता तुझसे हैं,
बस तुझे ही याद करते हैं ,
ऐसे वैसों से हम कल भी दूर थे ,
और आज भी ,
किसी तेरे जैसे का इंतजार नहीं करेंगे ।।
तू उमर यूं ना गुजार देना कि सब खत्म हो जाएं,
हम तेरे ग़म में सबकुछ तबाह कर देंगे ।।
ये हसीन चेहरे कितने खूबसूरत हैं,
मगर हम तुझे चाहने वाले हैं ,
यूं ही हर किसी पे दिल नहीं वार देंगे ।।
तू कितना कुछ और सबकुछ तू ही तो हैं,
ये किस्से वफ़ा किस से कहेंगे
तेरे ना आने पर हम अफ़साने लिखेंगे ।।
-) ऐ इश्क तुझमें बर्बाद होने को जी चाहता हैं,
होकर जुदा सबसे तुझमें मिल जाने को दिल चाहता हैं ।।
सुना हैं इसकी राह में सिर्फ एक शख्स मिलता हैं,
उस एक शख्स को साकी बनाने का दिल चाहता हैं ।।
हम लुट गए हैं सरेबाजार ,
अब सबकुछ लुटाने को जी चाहता हैं ।।
-) अजीब राह पर आ खड़े हैं,
किसी को याद करते हैं ।।
कोई और नजर आता हैं,
किसी की तलाश में निकलते हैं,
किसी और को मिल जाते हैं ।।
अब तो ये शौक भी नहीं कि घर जाएं,
घर पे कौन मेरा हैं ।।
एक दफा सोचा था मैंने बैठूं किसी अपने के पास ,
पहुंचा तो पता चला कौन ही यहां मेरा हैं ।।
अब तो इस हाल को बेहाल करना हैं,
उठा हूं एक सवेरे से मैं,
बस अब सूरज के संग ही ढालना हैं ।।
वो आएगी एक सुकून भरी नींद लेकर ,
ऐसे सोएंगे फिर कहां ही
हमें जागना हैं।।
-) कच्ची उम्र के प्यार में दिल लगाने की सजा क्या खूब हैं
एक ही शख्स को ताउम्र चाहने की सजा भी क्या खूब हैं ।।
एक उम्र साथ गुजारी थीं,
अब उस पल को याद करने की सजा क्या ख़ूब हैं ।।
तेरे शहर में रहकर तुझे हीं भूल जाएं,
ये मुमकिन नहीं ,
तेरी यादों के सहारे जीने की सजा भी क्या खूब हैं ।।
-) हमारे लिए बेहतर ये होगा अब की हम अपने रस्ते हो जाएं,
अदब में बेअदबी हमें मंजूर तनिक भी नहीं ।।
ख्वाहिशों की चाहत में बेइज्जती मंजूर नहीं ,
जानते तुम भी हमें खूब हो ,
किस हद तक हम ठहरेंगे या न जाने कब बिफर जाएंगे ,
इससे बेहतर यहीं होगा हम अजनबी हो जाएं ।।
दुख ये नहीं कि हम जुदा हो रहे हैं,
मसला तो तेरे हमें ना समझने का हैं ।।
खुद को हम एक हद तक खींच लाएं ,
यहां से सफर अकेले गुजार देंगे ,
जज़्बाती होकर फैसले न लेंगे अब हम ,
कहेगा जो दिल कुछ इसको भी समझा लेंगे ।।
की दिमाग के जमाने में यार तेरी कौन सुनता हैं,
हम पागल से हैं जो तेरे हर फैसले को सिर आंखों पर रखते हैं।।
अब जो हमारा दिल टूटेगा इसकदर तो ,
खुद क्या संभालेंगे,
जाम का शौक नहीं हमें ,
हम चाय से काम चला लेंगे ।।
आओगे जो फिर कभी तो बैठाएंगे तुमको,
हमारे दिल की अदालत में ,
गुनहगार तुम यार होगे ,
दिल बेहगुनाह हमारा होगा ,
बहुत खेल लिए खेल दिल से इसकी वकालत का
जिम्मा दिमाग हमारा होगा ,
बड़ा खेल खेलते हो तुम जज़्बात से ,
अबकी दफा जरा संभल कर आना ,
यहां तारीख की बात न होगी ,
अदालत हमारी होगी और तारीख की शिकस्त बस तुम्हारे चेहरे पर होगी,
याद तो आओगे हमें ,
कहते फ़िरोगे सबसे की इश्क में बेवफाई ना हो ,
हो कुछ मगर यूं रुसवाई ना हों ,
दिल तोड़ना खेल है हसीनो का ,
लेकिन ये खेल किसी के साथ ना हो ,
हम जो पेश आयेंगे हमारे अंदाज से तो जान जाओगे अपने अंदाज ए करम को ,
मिला था कोई आशिक़ मेरा ,
मुझे चाहने वाले की मैं ही दुश्मन हो गईं,
वफ़ा करनी थी उससे मगर ,
जाने में क्यों बेवफा हो गईं ,
भूल जाओ मुझे ये बेहतर मेरे लिए होगा ,
जिंदगी आसान हैं तुम्हारी ,
मेरे यार मुझे इस जिल्लत भरी जिंदगी और इस जिंदगानी से अलग करो ।।
-) मंजिलें मिली तमाम लोगों को ,
मैं सफर के इंतजार में बेसुध रहां ।।
पहुंचे वो भी वक्त पर जो मुझसे बाद में घर से निकलें,
मैंने ना जाने किस कदर वक्त गवायां ।।
उम्मीदें तमाम थी खुद से हमकों भी ,
मगर ना जानें कहां ख्वाब टूटे कहां हम ।।
उम्र भी यूं क्यूं बढ़ती हैं,
जरा क्या ठहरे लगने लगा यूं बचपने से बुढ़ापे में आ गुजरे ।।
मैं खुद को तलाशता हूं ,
खुद की तलाश में ,
ना जाने कहां खोया हैं,
वो शख्स हां मैं ही अब खुद
से अनजान हूं ।।
-) फिर वो यूँ मिली ना जाने कितने दिनों के बाद ,
फिर से मिलने में अब वो बात ना थी ।।
पहले जो हस्ती खिल -खिलाती थी,
अब वो कुछ उदास सी थी ।।
पहले जो खुद बालपन में थी ,
देखो आज वो जमाने भर से समझदार सी हैं।।
जो पूछा हल-ए-दिल मैंने उसका,
तो एक झूठ बोलने लगी,
जो कुछ और कहती वो,
तो साँसों कि सिसक ने बता दिया हाल उसका ।।
फिर यूँ देखा नम आँखों से उसने मुझे ,
लगा यूँ के भर लूँ बाहों में ,
मैं उसे फिर खुदने ही जाना ,
के अब वो बात नहीं।
जिसका जिक्र करता ख्वाबों में ,
मैं आज वो मेरे सामने होकर भी मेरे पास नहीं ।
फिर अलविदा कहने लगे वो ,
तो दिल ने जाना के सच में
ये कोई ख्वाब तो नहीं ।।
-) एक नदी किनारे बैठा कोई मेरे जैसा शख्स लगता हैं,
ज़माने के शोरगुल से एकांत सा लगता हैं ।।
एकांत ये मन बहुत खूब जचता हैं,
जो ना हैं पास उन्हीं के सपने बुनता हैं ।।
पानी सा चंचल मन मेरा ना जाने किस ने कंकड़ मारा इसमें,
एक चेहरा बनाया था इसने खूबसूरत बस उसी चेहरे पे जा उलझता हैं ।।
"अगर आप हिंदी शायरी के दीवाने हैं, तो हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेंगी दिल को छूने वाली बेहतरीन और अनोखी शायरी जो हर एहसास को खूबसूरती से बयां करती है।"
~~~आशुतोष दांगी~~~
-) तू है तो हर दर्द भी प्यारा लगे,
तेरे बिना दिल बेसहारा लगे।
-) तू साथ है तो रास्ते भी गुलाब हैं,
तेरे बिना सब ख्वाब अधूरे ख्वाब हैं।
-) तेरी मुस्कान में है सवेरा मेरा,
तू है तो मुकम्मल है बसेरा मेरा।
-) तेरा होना ही है सबसे बड़ी दौलत,
तू ना हो तो लगे ज़िंदगी है शरारत।
-) तेरे साथ हर लम्हा खास बन गया,
तू मिला तो जैसे खुदा मिल गया।
-) तू है तो तन्हाई भी गीत सी लगे,
तेरे बिना ये शाम अजीब सी लगे।
-) तेरा नाम लेती है धड़कनें मेरी,
तू है तो सब राहें अपनी सी लगीं।
-) तू है तो हर मौसम रंगीन लगे,
तेरे बिना ये दुनिया सुनसान लगे।
-) तेरे साए में ही सुकून है मिला,
तू है तो जैसे खुदा है मिला।
-) तेरा साथ मिले तो हर जंग आसान है,
तू है तो हर सुबह एक नई पहचान है।
-) तेरे साथ की ये जो चुप्पियाँ हैं,
बोलती बहुत हैं ये फिज़ाएं।
-) तेरे बिना जो अधूरा था मैं,
तू है तो अब खुदा के करीब हूँ मैं।
-) तू है तो हसरतें भी मुस्कराने लगीं,
तेरे बिना खामोशियाँ भी सताने लगीं।
-) तू है तो रंग हैं फिज़ाओं में,
तेरे बिना धुंध है दुआओं में।
-) तेरा साथ हो तो क्या ग़म है,
ज़िंदगी भी एक मखमली मौसम है।
हमारी वेबसाइट पर Hindi Best Shayari का संग्रह आपको हर भावनात्मक पल को शानदार शब्दों में महसूस कराने का मौका देता है, जो दिल से दिल तक पहुँचता है और पूरी तरह से अनोखा और मौलिक है।
-) तेरा होना जैसे कविता की रचना,
तू है तो हर पल की अपनी एक भावना।
-) तेरे बिना अधूरी सी लगे दुनिया,
तू है तो हर पल लगे जादूभरा।
-) तेरे बिना जो डर लगता था,
तू है तो वही सफ़र अच्छा लगता है।
-) तू है तो हर दर्द में भी सुकून है,
तेरे बिना हर खुशी में भी खामोशी है।
-) तू है तो रोशनी है हर तरफ,
तेरे बिना अंधेरों से भी डर लगे।
-) तेरे नाम से शुरू होती है हर सुबह,
तू है तो हर शाम भी लगे सुनहरी।
-) तेरे बिना जो वीरान थी राहें,
तू है तो महक उठीं वो सारी पनाहें।
-) तू है तो लगता है खुदा करीब है,
तेरे बिना सब कुछ अजीब है।
-) तेरे होने से ही है ये दिल धड़कता,
तू है तो हर ख्वाब है सच लगता।
-) तेरे साथ जो बिताए हैं पल,
तू है तो वही बन गए हैं कल।
"हिंदी शायरी की दुनिया में दिल को छू लेने वाली और भावनाओं से भरपूर रचनाएँ, जो हर एहसास को खूबसूरत शब्दों में बयां करती हैं।"
~~~आराध्यापरी~~~
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