Hindi best shayari -:"अगर आप दिल को छू जाने वाली hindi best shayari की तलाश में हैं, तो हमारे संग्रह में आपको हर एहसास को शब्दों में पिरोती अनमोल शायरी मिलेगी।”
-) वो जो हैं, जिससे हम मोहब्बत करते हैं
वो क़यामत ढाते हैं ।
अगर जिक्र हो उनकी काली जुल्फों का ,
तो मेघ गरजना शुरू कर देते हैं ।
अगर दीदार हो उनकी झील सी गहरी आँखों का,
तो समन्दर रूठ जाते हैं ।
सुना हैं गुलाबो से भी उनकी कुछ खास बनती नहीं,
जो देख ले उनके होंठो की लाली ,
तो गुलाब अपनी पंखुड़ियों के रंग बदल ले ।।
-) आजकल खुद ही के गमों को देख मुस्कुरा देता हूं मैं,
वरना जमाना तो मेरी खुशियों में भी गमों की बारिश कर देता हैं ।।
जाने क्यों रूठ जाते हैं मुझसे मेरे परवाने बस ,
सारी उम्र उन्हीं को मनाने में गुजार देता हूं मैं ।।
-) एक बार जो तेरे दर पर आए, फिर कोई दर ना चाहा हमने,
माँगा तुझसे बस, और किसी से कुछ ना माँगा हमने ।।
श्रापित चंद्र को जब कोई ना सहारा,
तब मस्तक पर सजाया तुमने ।।
तुम त्रिलोकी नाथ इस जहां भर को तुममें झांका हमने ,
जब गंगा भागीरथी बनने चली, तब जटाओ में समाया तुमने।।
अंधकार मय जब ये जहाँ हुआ,
तब सूर्य बनकर उभारा तुमने,
जब आन पड़ा संकट धरा पर,
विष को कंठ में उतारा तुमने।।
मैं अज्ञानी हूँ मुझ पर कृपा कर दो,
जिस तरह शनि को तारा तुमने ।।
-) मृत को जीवित करदे वह संजीवनी हैं शिक्षक ,
अंधकार को प्रकाश करदे वह सूर्य की किरण हैं शिक्षक ,
अज्ञानी को ज्ञानी करदे वह गीता का सार हैं शिक्षक ।।
खुद स्थिर रहकर पूरे विश्व को घुमादे वह मन की गति हैं शिक्षक,
शब्दों से जिसका बखान ना किया जाए वह शब्दकोश हैं शिक्षक ।।
-) एक तो गफलत भरी जिंदगी मेरी ,
ऊपर से ना जीने का सवाल ,
फिर उसपे बाजारों में मैं सरेआम बदनाम मेरा नाम ।।
-) महफिलों में उनकी नाम बदनाम मेरा कोई कर गया ,
उसको तो थी खबर मेरी मगर ना जाने फिज़ा कहा की थी,
जाने वालों में सबसे पहले मेरा हमसफर गया ।।
मैं उससे पूछता मगर मेरी मोहब्बत को हवा कोई अंजान कर गया ।।
-) ना जाने किस दौड़ का हिस्सा हूं मैं,
जब भी किसी मुकाम पे पहुंचा तो लगा कि जैसे यह मेरा मुकाम नहीं।।
भटकता तो नहीं मैं कहीं मगर ,
अभी तक उस ठिकाने का अंजाम भी हासिल नहीं।।
चले थे कुछ लोग साथ में मेरे मगर जाने कहां गुम हो गए सारे ,
खाली रास्तों पे कोई साथी भी तो नहीं।।
जिंदा हूं मैं एक लाश सा ,
मगर फिर भी मुझे मौत का इंतजार क्यूं नहीं।।
जाने वालों को रोका तो मैंने बहुत ,
लेकिन उन तक मेरी आवाज भी तो पहुंची नहीं।।
समझ लेते बस बात इतनी वो ,
तो दरबदर ना भटकता मैं,
खैर छोड़ो उनको तो इसकी खबर भी नहीं।।
-) आप से पहले हम कुछ खास तो ना थें ,
माना कुछ थें पर यार जो हैं अब वो तो ना थें ।।
खुदमें यूं मसरूफ थें ,
जमाने से कुछ यूं बेगाने थें ।।
पहले पूछते लोग तो कह देते थें ,
जैसे भी थे ठीक थें ।।
अब जो नयापन हमपर आया ऐसे तो ना थें ,
लोग जलते हैं अब मेरे खुश रहने पे ,
कहते हैं जैसे ये पहले थे बिलकुल ठीक थें ।।
-) लोगों से ज़रा गौर से पुछो किसने क्या गवायां हैं,
फिर हमसे पूछो हमनें क्या गवायां हैं ।।
चैन सुकून वो क्या होता हैं ,
ये तो हमनें बचपने में खोया हैं ।।
एक उम्र तो गुजार दी जागते जागते ,
हमने आंखों पर भी बड़ा जुल्म ढाया हैं।।
ये चाहती थी बंद हो जाना ,
मगर हमने इनको हर पल खुला रखा हैं।।
अब मरीज से इलाज पूछते हैं,
वो जिन्होंने हमें मरीज बनाया हैं।।
की इतनी खूबसूरत क्यों होती हैं,
ये राते मैंने टिमटिमाते तारों में उसको पाया हैं।।
सोचता हूं बंद आंखें क्या देखेगी ख्वाबों को ,
मैंने खुली आंखों से उसके ख्वाबों को सजाया हैं।।
-) मंजिलें मिली तमाम लोगों को ,
मैं सफर के इंतजार में बेसुध रहां ।।
पहुंचे वो भी वक्त पर जो मुझसे बाद में घर से निकलें,
मैंने ना जाने किस कदर वक्त गवायां ।।
उम्मीदें तमाम थी खुद से हमकों भी ,
मगर ना जानें कहां ख्वाब टूटे कहां हम ।।
उम्र भी यूं क्यूं बढ़ती हैं,
जरा क्या ठहरे लगने लगा यूं बचपने से बुढ़ापे में आ गुजरे ।।
मैं खुद को तलाशता हूं , खुद की तलाश में ,
वो शख्स हां मैं ही अब खुद से अनजान हूं ।।
-) मोहब्बत का ज़िक्र इस दहलीज के अंदर ना किया करो ,
हम दोनों ने मोहब्बत में कई दहलींजे लांघी थीं।।
हुआ क्या फिर वो अपने रास्ते ,
और हम अपने रास्ते हो गए ।।
उसको तो अब शायद याद भी नहीं मैं,
लेकिन मेरे दिल पे उसके ताजे जख्म रह गए ।।
भुलाने चाहते हैं उसको मगर ,
लेकिन हर दफा उसकी यादों में उसके होकर रह गए ।।
अब जो हम ना रहें तो कहना उनसे ,
कोई था जो खुदा समझता था आपको और आप केवल इंसान बनके रह गए ।।
खैर छोड़ो अब उसकी बातें अब दामन हमनें माटी का थामा हैं,
इस माटी के थें ,
और इसी माटी के होकर रह गए ।।
-) हसीनाओं को तो बेवजह बदनाम किया गया हैं,
मेरी जवानी तो किताबों ने खायीं हैं।।
मैं उलझा रहा इन किताबों में कहीं ,
आशिकी ना जाने जमाने में किस - किस ने कहां लड़ाई हैं।।
-) तू नहीं तो ये सावन भी अच्छा नहीं लगता,
सबकुछ होता हैं पास लेकिन तेरे होने सा नहीं लगता ।।
मैं बैठ जाता हूं नदी किनारे,
मगर अब तो दिल वहां भी नहीं लगता ,
चिल्लाता हूं वादियों में तेरे नाम को,
लेकिन वहां भी कोई जवाब नहीं मिलता।।
हम तन्हां हैं आकर देख यूं गैरों से हाल मेरा पूछना,
मेरी जान मुझको तो तेरा ये रवैया बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता ।।
-) फूल गुलाबों को मुझसे जाने गिला इतनी क्यूं ,
हर वक्त पूछते हैं,
गुलाब को गुलाबों कि जरूरत क्या ।।
-) हमारी शान तिरंगा,
हर दिल हिंदुस्तान तिरंगा ।।
इसकी खातिर वीरों ने त्यागे प्राण ,
उनका बलिदान तिरंगा ।।
जिसके प्रथम रंग से शौर्य भर जाए रगों में,
ऐसा चिंहित मान तिरंगा ।।
अमन शांति
का पाठ पढ़ाए,
रंग सफेद से हमें बताएं,
ऐसे गुरु का मान तिरंगा ।।
जिसके रंग आखिरी से,
उन्नति हरियाली की दिख जाए,
झलक एक ऐसी पहचान तिरंगा ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
"अगर आप ढूंढ रहे हैं सच्चे जज़्बातों से भरी hindi best shayari, तो हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेंगी वो शायरियाँ जो दिल की गहराइयों को छू जाएँ।”
-) तेरी आँखों में जो नशा है, वो शराब से कहीं गहरा है,
पी भी लूँ अगर, होश फिर भी तेरा ही चेहरा है।
-) वो जब देखती है पलट के, सारा शहर झूम जाता है,
तेरी आँखों का ये नशा हर दिल पे छा जाता है।
-) शराब पी के भी जो नशा न चढ़ा,
तेरी आँखें देख लीं — और दिल बहका।
-) तेरी नजरों का असर कुछ ऐसा चला,
पीने वालों ने जाम को ठुकरा दिया।
-) उसकी आँखों में देखा जो, जाम खुद से टूट गया,
नशा ऐसा चढ़ा कि खुद को ही भूल गया।
-) तेरी आँखों की गहराई में डूबा जो,
फिर न किनारा मिला, न खुदा मिला।
-) तेरी नजरों की मस्ती जब चली,
सारा आलम झूमने लगा दिल से दिली।
-) उसकी एक नजर का असर क्या कहें,
शराब से ज़्यादा तलब तेरी आँखें बन गईं।
-) तेरी आँखें हैं या साक़ी की साजिश,
हर नज़र में घुलता गया नशा धीरे-धीरे।
-) तेरी आँखों से जो पी ली एक बार,
फिर न जाम भाया न कोई त्यौहार।
-) तेरी निगाहों का जादू कुछ ऐसा चला,
होश संभालते-संभालते उम्र निकल चली।
-) तेरी आँखों ने जो डाला असर,
अब शराब भी लगती है फीकी मगर।
-) तेरी नज़रों की धुन पे दिल ऐसा थिरका,
जैसे हर सांस ने रक्स करना सीख लिया।
-) तेरी आँखों का नशा जब से चढ़ा,
अब जाम भी खुद बेहोश लगता है।
-) तेरी आँखों के साए में जो आ गया,
फिर किसी और को चाह न सका।
यहाँ आपको मिलेगी Hindi Best Shayari की अनमोल दुनिया, जहाँ हर शेर दिल को छूता है और हर एहसास को शब्दों में पिरोया गया है — पूरी तरह मौलिक और खास सिर्फ आपके लिए।
-) तेरी निगाहों में डूबा जो एक बार,
फिर नशे की जरूरत न रही हर बार।
-) तेरी आँखों की शराब ने जो चखा,
फिर खुदा भी कहे — ये इश्क़ सच्चा।
-) तेरी आँखों से बंधी कुछ ऐसी डोर,
जो न टूटे न छूटे, बस खिंचती ही जाए।
-) तेरी आँखों की कशिश में जो डूबा,
फिर लौटना न चाहा उस जमीं से।
-) तेरी निगाहों में जो सुकून है,
वो मयखाने के हर जाम में नहीं।
-) तेरी आँखें जब बोलती हैं चुपचाप,
तो हर शायर बना देता है इश्क़ की किताब।
-) तेरी आँखों में जो चमक है,
वो किसी जाम की बात नहीं करती।
-) तेरी निगाहों का असर कुछ यूं हुआ,
मेरी कलम भी अब तेरी ग़ज़लें लिखती है।
-) तेरी आँखें नहीं, एक समंदर हैं नशे का,
उतरोगे तो डूबने से बच न पाओगे।
-) तेरी आँखों से जो किया पहला इश्क़,
आज तक कोई दूसरा नशा चढ़ा ही नहीं।
"हमारी वेबसाइट पर आपको हर भावनाओं को शब्दों में ढालती हुई चुनिंदा hindi best shayari पढ़ने को मिलेगी, जो दिल को छू जाए और जज़्बातों को बयां कर दे।”
~~~आराध्यापरी~~~
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