Hindi Best shayari-: "हिंदी बेस्ट शायरी" – हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगी दिल को छूने वाली शायरी का अनमोल खजाना, जो हर भावना को खूबसूरती से शब्दों में पिरोता है। चाहे वह प्यार हो, दर्द हो, या प्रेरणा, यहाँ हर शेर आपके दिल की गहराईयों को छू जाएगा। हमारी शायरी में वह जादू है जो आपकी भावनाओं को सजीव कर देता है।
-) सारी रात करवट बदलते रहें हम ,
जाने क्या सोचते रहें हम ।।
नींद से जाने क्यों दोस्तीं नहीं ,
एक सैलाब मन के अंदर था उसमें बहते रहें हम,
बस अपनी तलाश करते रहें हम ।।
-) जाने किन बातों को सोचने लगता हूं मैं,
जो हैं नहीं उन ख्वाबों को बुनने लगता हूं मैं ।।
एक तो बात ये हैं कि उसके बग़ैर रह नहीं सकता ,
चैन से मर नहीं सकता हूं मैं,
बस ख़ुद को फ़ना कर सकता हूं मैं।।
-) मेरी कहानी में रोमांच ना ढूंढो,
इसमें बस संघर्ष लिखा हैं ।।
किसने क्या बिगाड़ा हमारा उसको भी माफ किया हैं,
इसमें बस लोगों का अच्छा बर्ताव लिखा हैं।।
-) हमपर जो गुज़री बस उसको हम जानते हैं,
किसी और को एक पल की ख़बर भी नहीं ।।
कैसे कांटों से भी ख़ून ना निकला,
हमपर जो गुज़री उसको बस हम जानते हैं ।।
-) कैसे बीते दौर को भूल जाएं ,
इससे बेहतर हम मर जाएं ।।
मुंआफ़ी देना ख़ुदा की रहमत हैं,
हम इंसान हैं कैसे ख़ुदा हो जाएं ।।
-) मुझे अमीरी नहीं पसंद ,
ग़रीबी से नाता ख़ूब हैं मेरा ।।
अमीरी ने केवल दौलत से प्यार किया हैं,
ग़रीबी में लोगों ने मेरे काम से प्यार किया हैं ।।
-) हम जीना हराम कर दूं इन लोगों को ,
जो मेरे सुकून को तबाह कर रहें हैं ।।
मेरी आस को खफा कर रहें हैं,
अब तो हाल बगावत का मेरे जेहन में हैं।।
मैं सर्वनाश को आमंत्रित कर दूं ,
जो मुझसे खेल खेल रहें हैं।।
-) कुछ तो मेरे नाम हो ,
मुसीबत ही सही किसी का नाम हो ।।
रह गुज़रती हैं बड़ी कश कश करके जिंदगी मेरी,
अब तो सारे ज़माने का पिटारा मेरे सिरपर हो ।।
-) मैंने कलम को क्या उठाया ,
जाने कितनों के मन में डर बैठ गया ।।
मैंने झूठ लिखकर जाने कितनों की आबरू बचा ली,
सच कहने में तो ज़माने भर के घर बदनाम हो गएं ।।
-) हाल इस क़दर बदल रहें हैं,
रंग मौसम के बदल रहें हैं।।
मैं कभी अपना समझता था जिन्हें ,
वे मेरे विपक्ष में जाने क्या कह रहें हैं ।।
-) मेरे होने से ये तो हुआ ,
कुछ ने झूठ को सच कहना शुरू किया ।।
मुझे सच से नफ़रत होने लगी ,
जब झूठों ने सच को कहना शुरू किया ।।
मैं करता भी क्या झूठों ने सच को थामा,
मैंने भी फ़िर सच को झूठ कहना शुरू किया ।।
-) मुझ पागल पे क्या इतना भरोसा क्यूं जताते हो ,
शहर में भीड़ समझदारों की भी हैं ।।
मुझ पागल पर तुम इतना क्यों इतराते हो ,
नजारे शहर में और भी हैं।।
-) कुछ हासिल नहीं हुआ इतनी कशमकश के बाद,
सबकुछ ही तो छिन गया इस तूफ़ान के बाद ।।
और तो कुछ बचा नहीं हैं,
एक आशियाना उजड़ ही गया पंक्षी के उड़ जाने के बाद ।।
-) गुज़र रहीं हैं ये तबियत भी नासाज सी हैं,
कुछ तो रहमो करम तुम्हारे भी हैं ।।
कुछ हवा ज़माने की भी ख़राब हैं,
कब तक बचता मैं,
अब बातें मेरे ख़राब हालात कि भी हैं ।।
-) ये राहु काल का दौर जाने कबतक रहता हैं,
कोई अपना क्या सदा के लिए रूठा रहता
हैं ।।
कुछ दिन की मोहलत तो होती होगी ,
ये बेरुखी का सदमा उम्र भर रहता हैं ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
-) सच्चा हमसफ़र तू ही है मेरा,
हर मोड़ पर साथ तेरा ही सवेरा।
-) तन्हा सफर में तेरा ही नाम लिया,
हर कदम पर तुझे ही अपना कहा।
-) तू मिला तो हर ग़म मुस्कराने लगा,
सच्चा हमसफ़र मेरा पहचानने लगा।
-) बिना कहे जो समझे दिल की जुबां,
वही तो होता है सच्चा कारवां।
-) साथ तेरा तो कांटों में भी बहार है,
तू हमसफ़र है, यही तो प्यार है।
-) तू चले साथ तो राहें भी गीत गाएं,
हर मंज़िल हमें खुद बुलाएं।
-) तेरे बिना सब अधूरा लगे,
साथ तू हो तो जहां भी पूरा लगे।
-) तेरा होना ही काफी है ज़िन्दगी में,
तू है तो हर सुकून है दिलगीरी में।
-) तू मिले तो हर रास्ता आसान लगे,
तेरे संग हर मंजर गुलदान लगे।
-) धूप में छांव सा सुकून है तू,
सच्चे हमसफ़र का जूनून है तू।
-) जब भी टूटा मैं, तू साया बना,
सच्चे साथी की ये ही तो पहचान बना।
-) हर आंधी में तू ही तो दीवार बना,
मेरे सफर का तू ही तो इज़हार बना।
-) साथ तेरा हो तो डर किस बात का,
तू है तो क्या ग़म है रात का।
-) तू साथ हो तो हर सफर हसीन लगे,
वरना ये रस्ते भी अजनबी लगें।
-) मेरा हर कल तुझमें ही सजे,
सच्चा हमसफ़र तुझमें ही बसे।
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-) तुझसे ही मेरी पहचान बनी,
सच्ची मोहब्बत की ये जान बनी।
-) तू मुस्कराए तो बहारें खिलें,
तेरे बिना दिल की राहें सिलें।
-) तू है तो हर ग़म भी ग़ज़ल लगे,
तेरे बिना ये दिल बेअचल लगे।
-) साथ तेरे हर मंज़िल आसान लगे,
वरना अकेले हर रास्ता सुनसान लगे।
-) हर लम्हा तुझसे जुड़ा सा लगे,
तू हो तो हर दिन खुदा सा लगे।
-) तू है तो अंधेरे भी रोशनी करें,
तेरा नाम दिल हर सांस में धरे।
-) बिना कहे जो दिल समझ जाए,
वही हमसफ़र उम्रभर निभाए।
-) तुझमें ही है मेरा सुकून बसा,
हर मोड़ पे तेरा साथ है खासा।
-) तू मिले तो जहां भी जन्नत लगे,
तेरे बिना सब कुछ बदनसीब लगे।
-) तुझसे शुरू, तुझपे ही खत्म हो बातें,
सच्चे हमसफ़र की बस तुझमें ही सौगाते।
"हिंदी बेस्ट शायरी" – हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगी दिल को छूने वाली शायरी का अनमोल खजाना, जो हर भावना को खूबसूरती से शब्दों में पिरोता
है।
~~~आराध्यापरी~~~
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