"अगर दिल की गहराई से निकली उदासी को शब्दों में ढालना है तो हमारी sad shayari in hindi आपके जज़्बातों का सच्चा साथी बनेगी।"
-) हम इस क़दर ख़ाक होने के मंज़र को देख कर आएं हैं,
हम डर की वज़ह से एक ज़माने से जागे हैं।।
बड़ा बुरा मंज़र देखा हैं हमने ,
भुलाने में जाने कितनी उम्र लगेंगी,
इस बात से बेख़बर थे हम कि आशियाना किसी और का था ,
जब सोच के देखा अपने आप को बस फ़िर किसी बुरे सपने जैसा लगने लगा , दिल घबराने लगा ,
सबकुछ लूटने लगा मंज़र जो न चाहा था वो ही नजर आने लगा ।।
चैन से सो रहा है वो ,
मैंने जब हाल जाना उसका तो मन के रथ को सुकून के साथ दौड़ा रहा था वो ,
ख़बर उसको भी होनी चाहिए कि कर आया है वो ,
किसी के वर्षों कि मेहनत को ख़ाक करके कैसा लगता हैं,
भ्रम में रहकर कैसे मूर्ख बनता हैं वो ।।
-) वो ऊंची हस्ती के लोग वो स्थिर कस्ती के लोग ,
कहां डगमगाएं लोगो से पेश आएंगे ,
ये सत्ता के मद में ,
कहां ही शीश झुकाएंगे ।।
ये वक्त को रोकने वाले ,
अपने ही लिए सब भोगने वाले ,
कहां गरीबों के काम आयेंगे ,
ये सब कुछ हड़प जाएंगे ,
ये बर्बादियों का सबब बन जाएंगे ।।
-) हम भी खोजते फिर रहे हैं अपने नसीब को ,
बंद दीवारों में सुकून की नींद को ,
अंधियारे की काली रात में ,
में एक सुनहरी धूप को ।।
इन ज़हरीली फिज़ाओं में ,
जीव्तव कि स्वांस को ,
अपने संकुचित मन में ,
गीता के ज्ञान को ।।
-) मुकद्दर को पेश जैसे आना था वो आ ही गया ,
एक जिद्दी के मन से आखिर वह टकरा ही गया ।।
तकरार यूं बनी फिर मुकद्दर ने साथ ना दिया
जिद्दी का मन बाघी हुआ और वो मुकद्दर से टकरा ही गया ।।
बाघी होना कोई जुल्म नहीं ,
मकसद को पाना इल्म नहीं ,
मुकद्दर को भी फिर बाघी रास आ ही गया ,
वो भी क्या करता आख़िर में बदल ही गया ,
मंज़िल पा ही गया ।।
-) तेरे ना होने को कशूरवार ये तेरे अपने ही हैं ,
ज़माने की भीड़ में जो अकेला खड़ा हैं
उसके पीछे का हक़दार हैं तू ।।
रास आया ना कोई तुझे इंसानियत का हक़दार नहीं तू ,
जो कुछ था घमंड के मद में चूर था तू ,
अपनी वास्तविकता से बहुत दूर था तू ,
अब जो परिणाम हैं, ये ख़ुदा का इंसाफ हैं।।
-) हमारा सबकुछ ही छीन रहें हो ,
और हुक्म इस कदर कर रहें हो ।।
जैसे अपने पुरखों की वसीयत को हमारे नाम कर रहें हो ,
कुछ तो खुदा की रहमत से डरो ,
जो जीते जी इसकदर ग़ुनाह कर रहें हो ।।
-) सत्ता के मद में चूर हैं इसकदर ,
ख़बर आम लोगों कि क्यूं ही रखेंगे वे ।।
ये केवल एक बार हमारे होते हैं,
फिर ये कहां किसी को दर्शन देते हैं।।
-) अब कलम को कहां सच लिखने दिया जाता हैं,
जिसके सल्तनत हो बस उसको ही लिखने दिया जाता हैं,
वरना तो कितना कुछ हैं लिखने को ,
बस इनके पक्ष को लिखा जाता हैं ।।
10 ) मैं सच को सच कहने का हौसला रखता था ,
ये सिलसिला चला बस तब तक जब तक में चुप था ,
उनकी महफ़िल में जो मुंह खोलना चाहा मैंने,
नाम के सिवा कुछ और ना कह सका मैं ।।
कुछ और कहता जो मैं ,
तो तारीफों के पुल ने मेरी सच की आवाज़ को चुप कर दिया ,
मैंने सच को तारीफों के बांध में दफ़न कर दिया ,
फिर कहां मैंने सच कहां ,
जो कहां बस उनको कहां और कहां क्या कहां ।।
"अगर दिल की तन्हाई को अल्फ़ाज़ों में ढूँढ रहे हैं तो हमारी sad shayari in hindi आपके जज़्बातों को बयां करने का बेहतरीन जरिया है।"
-) बस ये हक़ दो हमें ,
दो चार पल रहमत के दो ,
सुकून की तलाश में हैं, हो सके तो ये भी तलाश दो ।।
मैं कभी किसी का ना हो सका कभी ,
हो सके तो किसी के हक़ में मुझे दो ।।
-) किसकी नज़र में आने लगे हो ,
बड़े सज धज ने लगे हो ।।
इश्क है किसी से या किसी और के होने लगे हो ,
रंग रूप को सजाने लगे हो ,
अब इश्क में पड़ने लगे हो ।।
-) तुमने झूठ की दीवार से ख़ुद को बचा रखा हैं ,
हम सच के बोझ से दबने लगे हैं।।
तुम गुनहगार होकर भी क्या खूब नजरे मिला रहें हो ,
हम गुनाह से दूर रहकर भी नजरे चुरा रहें हैं ।।
-) आप बात करते हैं बस्तियों को रौशन करने कि,
हम एक घर रौशन करने में अपना सबकुछ कुर्बान करने को तैयार हैं ।।
इस क़दर हम बर्बाद हैं इसी शौक़ को आबाद करना चाहा और अब जो था पास उससे भी वीरान हैं ।।
-) क्यों मंज़िल का हमको लालच देते हैं साहब ,
हम नहीं चाहते कि हमको वे वक्त बर्बाद कर दिया जाएं ।।
"दर्द भरे लम्हों को शब्दों में पिरोने के लिए हमारी sad shayari in hindi आपके टूटे दिल की आवाज़ बन सकती है।"
-) कुछ तो ख़्याल कर मेरे इंतज़ार करने के फ़ैसले का ,
तूने कहाँ अभी नहीं हम मिलेंगे कभीं ।।
हमनें अपने जज़्बातों को काबू कर लिया इसी आस में ,
की मिलेंगे एक दिन ,
लेकिन सब्र का बांध भीं कब तक रहेगा,
कोशिश करना तुम जल्द आने की ।।
-) हमसे ना पूछ की हमनें क्या किया हैं इश्क़ में ,
बस इंतज़ार किया हैं उसका ।।
एक वादा कर लिया था उसने ,
उसी वादें पर प्यार किया हैं ।।
-) मैं अपनी हस्ती को कब तक संभालता,
सब्र को कब तक बांधता ।।
जिसे ख़बर होनी थीं मेरे पल पल की ,
उसने ख़बर ना लो एक पल की ।।
-) हम अपने ही शहर में अजनबी हो गए,
इस खेल में माहिर थें कभीं ,
अब इस खेल के सबसे ख़राब खिलाड़ी हो गएं ।।
-) हमसे हाल ना पूछ कैसे बदहाल हुएं ,
तेरे ही अच्छें करम थें हम जो इस हाल हुएं हैं ।।
हमारी अना इतनी भीं थीं ,
के कोई कुछ कर नहीं सकता ,
पड़े तेरे प्यार में तो जाना ज़माना सब कुछ कर सकता हैं।।
-) कभीं किसी से दिल ना लगाना ,
अगर खुशहाल रहना हो ।।
हमारे चेहरे की मुस्कान छीन लेता हैं,
कोई अंजान शख़्स,
जिस से हमारा कोई वास्ता ना हो ।।
-) मुझे मेरे हाल रहने दें ,
माना कि बर्बाद हूं मैं ।।
मग़र इसी बर्बादी के आलम का मज़ा लेने दें,
कुछ क़रीब से देखा नहीं मैंने अपने तबाही के मंजर को पहले कभीं,
अब ये मौका आया हैं,
तो इस मौके का मज़ा लेने दें ।।
-) माना कि मंज़िल एक थीं कभीं हमारी ,
सफ़र ने साथ छुड़वा ही दिया ।।
कभीं कसमें खाईं थीं एक साथ रहने की ,
खेल सफ़र का चला और उसने हमें अलग कर हीं दिया ।।
-) दाग़ दामन पर लगने लगे,
तो ऐसी मुलाकातों से बचों आशुतोष ।।
वो स्वर्ण ही किस काम का ,
जिस से नुकसान हो अपने शरीर का ।।
-) सुना हैं उसके आ जाने से मुर्दों में जान आ जाती हैं,
वो जोनलहरा दें आंचल तो सुबह हीं शाम हो जाती हैं ।।
सुर्ख आँखें कर ले काजल सनी जब वो ,
तो होश वालों भीं मदहोश हो जाते हैं ।।
"जज़्बातों के अधूरे किस्सों को बयां करने का सबसे खूबसूरत अंदाज़ है हमारी sad shayari in hindi।"
-) माना कि हम अड़ियल हैं,
किस किस की बातों का मिलान करें ।।
सब अपने पक्ष की बातें करतें हैं,
सच से रुबरु जिनको होना चाहिएं था ,
वो डगमग सत्य की बातें करतें हैं,
इन सब से अच्छा तो ये हैं हम अड़ियल
हैं।।
-) मुझे मानने वालें भीं कम नहीं,
जाने कितनों के दिलों की आस हूं मैं ।।
मैं मदहोशी के आलम में क्या ठहराव करनें लगा ,
जाने कितनों के सपने चकनाचूर हो गएं ।।
-) माना कि अब हम पहले जैसे नही,
ज़माने की बातें भीं तो अब पहले जैसी नहीं ।।
मैं पहले ख़ुद से पहले औरों का सोचता था,
ज़माने को गौर से देखा तो सब मतलबी मालूम हुएं ,
तो हमनें भीं नएं ढंग में ख़ुद को कर लिया ।।
-) बातें कुछ ऐसी भीं हुईं जिनका ना होना ज़रूरी था ,
हम सादगी को पसंद करने वालें,
फ़रेब वालों से कब तलक बचतें ।।
उनके संपर्क में आएं तो ज़माने भर की बातें,
हमारे सिर आए गईं ।।
-) छोड़ो ज़माने की बातें इन बातों का मतलब हीं क्या ,
इंसान ही नहीं रहा अब उसकी गलतियों का क्या ।।
-) वो छोड़ गया हमें एक पल ,
उसे हमारे साथ की जरूरत ही नहीं पड़ी ।।
जो हर एक पग़ मेरे साथ चलता था ,
मुश्किल राहों पर अकेले दौड़ गया ।।
-) वक़्त ने संभलने का मौका भीं नहीं दिया ,
और जाने कितना कुछ हो गया हमारे साथ,
हम संभालते ख़ुद को इस से पहले सब ख़ाक हो गया ।।
-) उम्मीद का दामन नहीं छोड़ेंगे,
मुश्किलों में तेरा साथ नहीं छोड़ेंगे ।।
चाहें जान की बाज़ी लगानी पड़ जाएं ,
हम अपनी जान लगा देंगे ,
तुझे दम न तोड़ने देंगें ।।
-) माना कि सब आसान सा हैं,
मग़र आसान कुछ भीं नहीं ।।
जो राहें आसान नज़र आईं हैं,
उनमें अक्सर कठिनाइयां ज्यादा रहीं ।।
-) वो रूठता इस क़दर हैं,
वो मुझे भूलता इस क़दर हैं ।।
मैं लाख कोशिशें कर भीं लूं ,
उसे मनाने की वो मानता कहां हैं ।।
"दिल की गहराईयों से निकले जज़्बातों को महसूस करने के लिए हमारी sad shayari in hindi एक ख़ास अहसास लेकर आती है।"
~~आशुतोष दांगी
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