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 'sad shayari in hindi':- "अगर आप जीवन की उदासी को शब्दों में पिरोना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर दी गई 'sad shayari in hindi' आपके जज़्बातों को बयां करने का सबसे संवेदनशील जरिया बन सकती है।”



-) तेरे इश्क़ में अब हम जान से जा रहे हैं,

     लगे यूं के अपने हाल से जा रहे हैं ।।


     मेरे दिल का हाल जानते खूब हो तुम ,

     ऐसा लग रहा हैं इस दिल से उतरते जा रहे हैं ।।


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-) मेरे हक़ में फ़ैसला ये भी कर ,

     कर्जदार हैं मेरे हर फर्ज का तू ।।

  

    उसका क़र्ज़ अदा कर ,

    ज़ख्म जो हैं सीने में,

    चीखे मारता हैं मेरा दिल उसे मरहम कर ।।


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-) ये जो तुम मेरे प्यार की ढाल में ख़ुदको छुपा लेते हो ,

     मेरे इस अंदाज़ को नरम समझ लेते हो ।।


     कभी तो इंसानों सा हमसे पेश आओ ,

     ये बेरूख़ी रख रहें हो हमसे ,

     जाओ ये किसी जानवरों को दिखाओ ,

     अब इस तरह से हम तुमसे पेश ना आएंगे ,

     बेरूख़ी के मौसम को बस हम अब पानी कर जाएंगे ।।


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-) कोई मुझसा मिले तो बात मुझे भी समझ आएं ,

      हर कोई तेरे काबिल भी नहीं ,

       

      जो तेरे दिल में रहने लगे ,

      तुझको एक राजकुंवर सा चाहिए,

      जो तेरे नाज़ परियों से उ) ख़ैर छोड़ो ये बाते तुम भी अब वैसे ही इतराते हो क्या ,

      मुझको चुप कर देते थे उसी बात पे अब भी रहते हो क्या ।।


     मैने कभी ये ना कहा कि ये क्या हैं,

    अब भी अपने ईमान पे रहते हो क्या ।।


    जो देखता है वो तुम्हें,

    ये बताओं वो भी हमशा रहता है क्या ।।


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-)  मैं बर्बादियों को सिर रखकर बढ़ चला हूं ,

      इसके आगे अब बेनाम नतीजे हैं,

      जो मौत से जा मिलते हैं।।


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-) चलो कुछ तो मिला तुझसे दिल लगाने का अंजाम ,

     लोग हमें तेरे नाम से जान ने लगे ये भी किसी से कम हैं क्या ।।


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-) कोई ये भी नहीं पूछता अब तो ,

     की किस हाल में तुम हो ,

    

     इस बदहाल में हम हैं,

      सांसों कि अंतिम सिरा पर हम हैं।।


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-) कोई तेरे जैसा शख़्स मुझको ताकता रहता हैं,

      पहले लगा तू हैं, लेकिन ये अजनबियों सा रहता हैं।।


     उसके घूंघट को गौर से देखा तो ,

     तेरे चेहरे सी मुस्कान नज़र आती हैं।।

    ये शख़्स हो ना हो मुझे तेरी शौतन नजर आती हैं।।


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- ) तेरी तलाश में हम हैं,

       तू ना जाने किस आश में गुम हैं।।


      सफ़र सुहाना सा भी हैं,

      मगर रास्ता ख़राब सा भी हैं।।


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-) सफ़र का मजा लोग कुछ यूं भी लेते हैं,

       सच को वे सच भी नह कहते हैं।।


       हम बाघी चम्बल के से ,

       अपने उसूलों पे आँच ना आने देते हैं।।

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-) ये भी जान ले ये शहर के लोग ,

        मैं झूठ की दुनिया से दूर रहता हूं ,

        सच कहने की क्षमता रखता हूं ,

         बस में सच कहता हूं ।।

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-) तू ये भी सुन कि में तेरे हर फैसले में तेरा हूं ,

       मंज़िल की तलाश में और मंजिल में भी में तेरा हूं ।।

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-) तेरे बाद मैं ना जाने क्या कर दूंगा ,

       सब बर्बाद कर दूंगा ,

       ये बस्ती शहर इन्हें नासाज कर दूंगा ।।


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-) तू इश्क़ की चाहत हैं ,

        मेरे प्यार की हकीकत हैं,

       

        तुझे एक उम्र के बाद पाया हैं,

        मेरे वर्षों की कमाई कि जमा पूंजी हैं।।


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ज़िंदगी के दर्द और अकेलेपन को शब्दों में पिरोने वाली 'Sad Shayari in hindi' न केवल दिल की गहराईयों को उजागर करती है, बल्कि उन अनकहे जज़्बातों को भी बयां करती है जिन्हें हम अक्सर छुपा लेते हैं।”


-) ज़िंदगी की हक़ीक़त हम बयां कर देंगें,

  औरों की बात भीं ना करेंगें,

  और तुम्हें सच से रुबरू कर देंगे ।।



-) हम जाने किस हाल हो गएं हैं,

  माना कंगाल हो गएं हैं,

  पहले जो ना पसंद था उसे देखना मंज़ूर ना था,

  अब इस हाल हो गएं हैं जो हैं केवल वो हीं हैं ।।



-) मेरी जान के दुश्मनों ने मुझको घेर रखा हैं,

  बात यहां तक हीं नहीं कि मेरी जान चाहिएं उन्हें ,  

  वो चाहतें हैं मैंने जो कुछ करा बनाया वो सब तबाह हो ।।



-) जब दुश्मनों की एक ना चलीं,

   तो उन्होनें फ़ैसला कर लिया ,

   ऐसे तो ये हारा जा सकता नहीं,


   तो क्यों ना जज़्बात से खेलें ,

   उन्होंने फ़िर उसको भेजा ,

   वो खेल प्यार वाला खेल गईं,

   और मेरी एक ना चलीं ।।



-) मानता हूं मैं दिल लगाने के लायक़ नहीं,

     मैं ज़्यादा किसी की सुनता भीं तो नहीं ।।


     मैं सुनता नहीं ये सच हैं,

     मग़र मैं दिल का बुरा नहीं ।।



-) जब हाल बदहाल होने लगा,

     तो ख़्याल आया पुरानी दीवारों का ।।


     कितना कुछ हो जाता था ,

     मगर ये टस से मस ना हुईं ।।


     अब जो हल्की सी सेंध लगीं,

     तो घर के घर धराशाही हो गएं ।।



 -) पुराने लोगों की कद्र करिए ,

     नए लोगों में वो बात नहीं ,

     वे हाल समझाते थें,

     आँखों का रंग देखकर ,

     इन्हें बताओ तो भीं ये जान नहीं पाते ।।



-) मेरी उम्र यूं नहीं बड़ी गिनतियों से ,

     उम्र का तकाज़ा तजुर्बें से लगाया कर मेरा ,

      हर एक रँग को बख़ूबी देखा हैं मैंने ।।



-) माना कि उम्मीद का दिया जल रहा हैं,

     मग़र ज़माने में ये क्या चल रहा हैं।।

     कोई अपने ही घर महफूज़ नहीं ,

     कोई औरों को अपना मसीहा मान बैठा हैं।।



-) माना कि पेट की भूख ने ,

       सब कुछ मिटा दिया ।।

       किसी का घर किसी जीवन,

       एक पल में लाशों का ढ़ेर लगा दिया ।।



-) हाल ना पूछ ऐसे बदहालों का आशुतोष,

       यहां हाल पूछना किसी ग़ुनाह से कम नहीं ,

       अभी इन्होंने ख़ुद को संभाल भीं रखा हैं,

        तू जो पूछेगा क्या हुआ था ये अश्रुओं की बारिश कर देंगें ।।



 -) एक वादें पर हम सारी उम्र रुकने का इरादा कर आएं ,

     वो अपने वादें की बात हीं नहीं करता ।।



 -) अब तो वें भीं ना जाने किस शब्दशैली का इस्तेमाल करने लगें ,

        जो कभी वेदों का पाठ किया करते थें ।।



-) हमें हमारी महफ़िल से ही नकारा गया,

       जिन महफ़िलों की हम शान थें कभीं ।।


      अब उड़ी उड़ी रंगत हैं उस शाम की ,

      वे पूछतें हैं इस महफ़िल की रौनक कहां हैं ।।



-) किसी से प्यार करो तो उसे ,

       अपने नाम करों वो जैसा भीं हो ,

       वो कहें जो भीं उस बात पर अम्ल करों,

       यूं हीं नहीं कोई आँख मूँझ कर भरोसा नहीं करता ।।



-) हमें हमसे जुदा ना कर ,

       हम अपने अंदाज़ में बहुत खूब थें ।।

  

      अब इस रँग में ढलने जा रहें हैं,

      उम्मीद ये हैं कि हम कुछ करेंगे पर पहले जैसे ना रहेंगे ।।




 -) हम हक़ीक़त को लिखना पसंद करने वाले ,

       अब झूठ को सच लिख रहें हैं,

       कुछ फ़ैसले हैं ये सत्ता के प्यासों के ,

       यूं हीं सच बोलने झूठ नहीं लिखतें ।।




-) बात ये नहीं कि मन क्या कहता हैं ,

       बात ये हैं वो क्या सोचता हैं ।।

       जिसके रूठ जाने से मन नहीं लगता ,

       वो क्या चाहता हैं वो जाने या रब जाने ।।



-) किन मुश्किल हालातों से निकाल लाएं हैं,

        हमनें जाने कैसे कैसे दौर को देखा हैं ।।

        अब ये दौर आया हैं,

        बेहद ख़ूबसूरत हैं मानो पुराने दौर का मीठा फ़ल हैं ।।



-) हमें नज़रंदाज़ ऐसे भीं ना कर ,

       ये जो तुम सोचने की आख़िरी सीमा पर होते हो ,

       उसके आगे से हम सोचा करते हैं ।।



"जब ज़िंदगी में दर्द हद से बढ़ जाता है, तब दिल खुद-ब-खुद 'sad shayari in hindi' ढूँढने लगता है, ताकि जज़्बातों को अल्फ़ाज़ मिल सकें।”


~~ अशुतोष दांगी 

 

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