“Sad shayari in Hindi”:- “Sad shayari in Hindi” उन जज़्बातों को शब्दों में पिरोकर साझा करने का माध्यम भी बनती है। हमारी वेबसाइट पर प्रस्तुत की गई सैड शायरी आपके दिल की गहराईयों को छूने का वादा करती है।
-) किसी रोज़ इश्क़ बर्बाद लिखेंगे ,
सबकुछ करने के बाद इसे बेकार लिखेंगे ।।
ख़ुद जानेंगे पहली इसकी हक़ीक़त ,
फिर इसे प्यार लिखेंगे ।।
-) हम अकेले हैं इसमें जूर्म क्या हैं,
किसी बेवफ़ा से दूर हैं इसमें हर्ज क्या हैं ।।
वे जो किसी के हो जाते है,
बस बदनामी का सबब बन जाते हैं।।
हम बदनामी के सबब से दूर हैं,
फिज़ा माना इश्क़ की हैं,
लेकिन इसकी रंगत से हम बहुत दूर हैं।।
-) जानो तो मेरे दिल का हाल ,
दूर से क्या पता चलता हैं,
पास आओ देखों इन निगाहों में ,
तो जानो कि क्या अंगार सा जल रहा हैं।।
मन भ्रम आस सब टूटा हैं,
ये मैं नहीं मेरे जैसा जी रहा हैं।।
-) तुम जो ख़ुद पे इतना इतराते हो,
हर दफ़ा मुकर जाते हो ।।
ये तो समझो कब तक क्या होगा ,
ये जो सामने तेरे हैं,
कबतक ऐसा ही रहेगा ,
जानो हाल क्या गुजरती होगी दिल पे इसके,
तुम जैसा होता ये ,
तो सच बताओ ये सफ़र कहां तक का हुआ होता।।
-) हमसे ना कर ये चाल फ़रेब कि बातें ,
तुझसे जो मिल रहा हैं अब ।।
वो अपने ज़माने का शातिर रहा हैं,
जो सोच रहे हो तुम उसके आगे से वह ,
कबसे चल रहा हैं ।।
-) किसी रोज़ मेरी जगह ख़ुद को रखना ,
मेरे हाल को फ़िर समझना ।।
कितना रुलाया हैं तुमने हर दफ़ा मुझे ,
इसे बस ख़ुदा कि रहमत समझना ,
तुमपे भी गुजरेगी कभी ऐसी ही दामिनी ,
फ़िर बस हमको याद करना ।।
-) कुछ तो दिल से भी काम लिया कर ,
हरजगह दिमाग को ना रखा कर ।।
प्यार वफ़ा वादों का ऐतबार किया कर,
क्या ग़ुमराह करती रहती हैं मुझे ,
तू यार ख़ुद को बेवफ़ा कहां कर ।।
-) इश्क़ ना कर छोड़ ये झंझट ,
क्यूं ख़ुद पे बौझ ढोती हैं ।।
मेरे जैसे साधारण से ,
कहां चक्रव्यू सी चाल चलती हैं।।
-) वफ़ा की अब तुझसे क्या बात रखे,
तूने बफ़ाओं को सूली पे चढ़ा रखा हैं।।
मैं इश्क़ करता रहा दिल से ,
तूने मुझे दिल से निकाल रखा हैं ।।
-) हमें वफ़ा खेल ना सिखा इश्क़,
हम अपनी पे आए तो बर्बादियों का शिखर बना दे।
-) कुछ तो इस बात से भी डर ,
जान तुझे भी ख़ुदा के घर हैं।।
पूछेंगे सवाल ख़ुदा तुझसे भी ,
झूठों कि वहां इबादत नहीं ।।
-) ये जो तुम ख़ुद पे नाज़ करके इतराते हो ,
ये बताओं हम को तड़पाकर तुम सच में चैन पाते हो।।
-) ये भी किसी से कम नहीं कि हम नादान हैं,
अजनबियों से अंजान ही सही ,
फ़रेबो के झूठ से दूर हैं ,
और ईमानदारों के ईमान में हैं।।
-) ये भी बता कैसे अजनबियों से दोस्ती होती हैं,
बातें फिर उनकी होती हैं ।।
हम कोषों दूर रहें इन सबसे ,
हमें केवल मोहब्बत एक से होती हैं।।
-) तू ये भी वादा कर के हर वादें को झूठा कर ,
मैं सच के सिवा कुछ ना था ,
तू मुझको भी झूठ की दीवार कर ,
मुझे अपने रंग में निजात कर,
तेरे इश्क़ से आजाद कर ।।

“Sad shayari in Hindi”- यह शायरी न केवल व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करने का एक तरीका है, बल्कि यह पाठकों को भी अपने अंदर की भावनाओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। यदि आप अपने वेबसाइट पर इस विषय को प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो यह एक सशक्त माध्यम हो सकता है जो पाठकों को भावनात्मक रूप से जोड़ सके।
-) चैन की नींद आएं हमें ,
महफूज़ बस क़ब्र हीं हैं ।।
और जगह देखीं हैं मैंने,
लोगों को चैन नहीं कहीं ।।
-) एक दुआ कर ,
हमें ज़माने से फ़ना कर ।।
बहुत थकें हैं हम औरों के काम में,
अब हमें आराम का घर कर ।।
-) तुम किसी नज़र में बहुत ख़ूब समाएं हुएं रहते हो ,
बस उसी नज़र के होकर रह जाना ।।
समन्दर जैसे मोतियों को सहेज के रख लेता हैं,
उसी तरह महफूज़ हो तुम ।।
-) गिरते झरने जाने कौनसे सुर में गातें हैं,
पहाड़ों की हर बात पर सुर बन जातें हैं।।
कोई तो इन्हें भीं गौर से सुनता होगा ,
यूं हीं नहीं ये मस्त हो जाते हैं ।।
-) ख़ुशी ये हैं कि सब कुछ हासिल हैं हम दोनों को,
मग़र ख़्वाब की दुनिया में,
ग़म ये हैं कि असलियत ऐसा कुछ नहीं ,
मैं ख़्वाब को पसंद करूं या हक़ीक़त को ,
इन दोनों के मध्य बस मैं हूं ।।
-) एक दिन वो आ हीं जायेंगे ,
जो ना आने की बात कर गया ।।
माना कि वो रूठा हुआ हैं,
उसे मनाने में आख़िर वक़्त कितना हीं लगेगा ।।
-) मेरी बाहों के घेरें महफूज़ हैं उसे ,
इनके बाद की दुनिया थोड़ी अजीब सी नज़र आती हैं हमको ।।
-) दीद को तेरी आँखें तरस गईं ,
जाने किस घड़ी में तुमने अलविदा कहा ।।
उस दिन की शाम आज भीं याद हैं मुझे ,
जब तूने कहां की अब कभी ये दिन ना आएगा ।।
-) तुमसे उम्मीद ही ना थीं कि तुम अकेले रह जाओगे,
मेरी उम्मीदों के विपरीत काम कर गएं तुम ।।
जो मैं चाहता वो हुआ नहीं ,
हमारे मिलन में बिछड़न का स्वाद पूरा रहा ।।
-) जब जानता हैं तू सबकुछ ,
तेरे बग़ैर मैं रह नहीं पाऊंगा ।।
तो बिछड़ने का फ़रमान जारी कैसे हुआ ,
जान चाहिएं हमारी तो सामने से आइएं,
यूं गुपचुप की बातों से ना मारियें ।।
-) बादलों ने रंग बदलना तेज़ कर दिया ,
पहले सफ़ेद नज़र आतें थें अब काले रंग में ढलने लगें ।।
क़यामत बरसने वाली हैं,
यूं ही इन्होंने रंग अपना नहीं बदला ।।
-) बड़ा अजीब सवाल हैं ये ,
क्या करोगे मेरे बाद ।।
तेरे बाद क्या हम रहेंगें,
ये भीं सोच हमारा होना तेरी वज़ह से हैं,
तू नहीं तो हम भीं क्या करेंगें ,
जिस्म से जान फना करेंगे ।।
-) नशें की बात ना कर ,
हम किसी की आँखों में डूब आएं हैं ।।
उससे ज्यादा भीं शराब क्या चढ़ सकती थीं ,
उसने निग़ाहें उठाई हम होश गवां बैठें ।।
-) हम भीं जाने किस दौर में आ बैठें ,
उस दौर का कोई साथी नज़र ही नहीं आता ।।
अब जो हैं वो साथ के लायक़ नहीं ,
हर क़दम पर कदम पीछे खींचते हैं ये ।।
-) कहानी के किरदार की असलियत बयां कीजियें,
यूं बातों को ना छुपाइयें ।।
चेहरें किसके कैसे हैं ,
यूं दोहरे चेहरों से नक़ाब हटाइएं ।।
“Sad shayari in Hindi”- "हमारी वेबसाइट पर पाईए दिल को छूने वाली सैड शायरी, जो आपकी भावनाओं को शब्दों में ढालकर दर्द और अकेलेपन की गहरी अनुभूतियों को उजागर करती है।”
-) हम अगर अपने अंदाज़ से पेश आने लग जाएं ,
तो जाने कितने दिलों को दुखाने लग जाएं ।।
अब इस रँग में ढलें हैं,
तो इसी में रहने दीजिएं,
आ गये जो पुराने रँग में तो मंज़र खौफ़नाक सा होगा ।।
-) हम ख़ाक हुएं हैं,
किसी अपने की मेहरबानी से ।।
हमको मिटा देते गैरों में इतनी दम कहां थीं
हम पीछे मुड़े पीठ पे खंजर घोप दिया ,
और सब ख़ाक हो गया ।।
-) एक दिन हम ना रहेंगे ,
तब भीं यूं इठलाओगें तुम ।।
हम जो मना लेते हैं ऐसे ,
क्या फ़िर रूठ पाओगें ।।
सोचों क्या हक़ीक़त होगी फ़िर,
तुम्हारे इस नूर से चेहरे का नूर बरक़रार रख पाओगे तुम ।।
-) कुछ फ़ैसले हमारे हक़ में हो जाएं ,
तो क्या हर्ज़ हैं वैसे भीं हम ख़ाक हैं।।
थोड़ी सी रहमत बरसे तो ,
हम ख़ुद को मुश्किलों से आज़ाद पाएं ।।
-) मैं इस दौड़ का सबसे पुराना खिलाड़ी हूं ,
कइयों की जितनी उम्र नहीं उस से ज़्यादा,
मैं यहां असफल होकर लौटा हूं ।।
अब उम्र के साथ असफलता का तजुर्बा भीं हैं,
तो थोड़े अदब से पेश आइएं।।
“Sad shayari in Hindi”- दिल की गहराईयों में बसी तन्हाई और टूटे अरमानों की सैड शायरी, हर उस जज़्बात को शब्द देती है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है।”
~~ आशुतोष दांगी
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