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 1. जब चाँद निकला, तुम याद आए,  

तारों के बीच वो ख्वाब आए।  

दिल की गहराइयों से, तुमसे प्यार जताए।  


2. तपती धूप में तेरा साथ चाहिए,  

हर कदम पर तेरा साथ चाहिए।  

जिंदगी के सफर में बस तेरा साथ चाहिए।  


3. फूलों की खुशबू से महका ये जहाँ,  

तेरे बिना अधूरा है मेरा जहाँ।  

तू संग हो तो सजता है ये आसमाँ।  


4. एक तारा जब गिरा आसमान से,  

दिल की दुआ बन गया तुम्हारे नाम से।  

सपने खोले मैंने, अब थोड़ी सुकून में।  


5. तेरी हंसी की मिठास है लगती,  

हर ग़म की एक नई सुबह है जगती।  

संग तेरा हर सुबह, एक नई राह है बनती।  


6. दिल की बातें ना कभी कह सके,  

तेरे बिना ये जज़्बात कह नहीं सके।  

तेरे साथ रहकर, खुद से खो नहीं सके।  


7. आँखों में तेरा ख्वाब बसा है,  

हर दिन तेरा इश्क जगा है।  

तेरे बिना हर लम्हा सुना है।  


8. कहीं खो जाती हैं ये यादें,  

तेरे बिना बिताए वो लम्हें।  

हर पल बन जाता है तेरा इंतज़ार।  


9. वक्त रुक जाए जब तू पास हो,  

हर दर्द में छुपी हो तेरी आस हो।  

तेरी मुहब्बत में मिले जज़्बात हो।  


10. बिछड़ने का गम, बुरा होता है,  

मिलने का सिला, सबसे प्यारा होता है।  

तेरे बिना ये जीवन, अधूरा होता है।  


11. तेरा नाम लूँ जुबां से,  

तेरे साथ रहूँ हर एक सांस से।  

तेरे बिना मेरा क्या है, सब बेकार सा।  


12. खेलती धाराएँ, जैसे तेरी उँगलियाँ,  

जीवन में रंग लाती, तेरी मुस्कानें।  

तेरी हंसी से खिल उठता मेरा मन।  


13. चाँदनी रातों में, तेरा नाम लूँ,  

हर लफ्ज़ में तेरा जादू बुनूँ।  

तेरे बिना ये दिल, बस ख़ामोश है।  


14. तेरे सपने बुनने की चाहत है,  

दिल की गहराइयों में तेरा एहसास है।  

तू पास हो, तो सब कुछ आसान है।  


15. जबसे देखा तुझे, सब कुछ बदला है,  

तेरा हर लम्हा, मेरे दिल का मेला है।  

तेरे बिना ये सफर, एक बंजर सा है।  


16. तेरी मोहब्बत में बसी है जन्नत,  

हर दर्द में, तेरा ही साया है।  

तेरे बिना ज़िंदगी, एक ख़ाली किताब है।  


17. पंखों में जब तेरे सपनों की ताकत है,  

उँचाई को छूता हूं, क्या फ़िक्र है।  

तेरे साथ हो जब, हर मुश्किल आसान है।  


18. तेरा साया साथ हो, तो खुशियाँ संग हैं,  

तेरे बिना हर लम्हा, अधूरा-सा रंग है।  

तू संग हो जब, जन्नत का अनुभव।  


19. दिल की गहराइयों में जो समाया है,  

वो तेरा प्यार है, जो हर दर्द मिटाता है।  

तू संग है जब, हर खुशी का अहसास।  


20. तारे चमके आसमान में जैसे,  

तेरी यादें चमकती हैं दिल में।  

तू जो पास हो, सब ठीक है इसी लम्हे।  


21. जज़्बातों के रंग में रंगीनी,  

तेरे इश्क का जादू है कुछ ऐसा।  

तेरे बिना हर सुबह एक खामोशी सी।  


22. लबों पर तेरा नाम लख़्तें हैं,  

ख्वाबों में हर रोज़ तेरा दीदार होता है।  

बिना तेरे, ये दिल, बस खोये खोये हैं।  


23. तुम मेरी तलाश हो, हर मोड़ पर,  

तेरे बिना, ये राहें अधूरी हैं।  

तू मेरे साथ हो, तो सब कुछ है पूरा।  


24. मन में दिल की बातें, तुमसे कह दूं,  

तेरे बिना ये ज़िंदगी, सूनसान लगे।  

तू संग हो जब, तो जादू सा है।  


25. तेरा इश्क मेरे हर लम्हे में है,  

तेरे बिना जिंदगी, बेबस है।  

तू संग हो, तो सब कुछ खुदा का अनमोल है।


1. प्यार

तेरे बिना ये दिल अधूरा लगे,

हर खुशी में तेरा चेहरा नज़र आए।

तू ही वजह है मुस्कुराने की।


2. धोखा

जिसे अपना समझा था, वही पराया निकला,

हँसी लुटा दी थी जिसपे, वो तमाशा निकला।

अब खुद से ही डर लगने लगा है।


3. उम्मीद

अंधेरे में भी रोशनी की किरण हूँ मैं,

हार के बाद भी एक जिद्द बनी हूँ मैं।

टूट के भी खड़ी, हौसले की कहानी हूँ मैं।


4. अकेलापन

भीड़ में भी तन्हाई का आलम है,

चेहरों की चमक के पीछे सन्नाटा है।

खुद से ही अब बातें करता हूँ।


5. संघर्ष

रास्ते कांटों से भरे हैं,

पर हिम्मत ने साथ नहीं छोड़ा।

मंज़िल दूर सही, पर ठान लिया है।


6. कुदरत (प्रकृति)

हर फूल में एक जज़्बात छुपा है,

पत्तों की सरसराहट भी कुछ कहती है।

कुदरत की खामोशी में भी संगीत है।


7. बचपन

कंचों की दुनिया, वो मिट्टी के घर,

ना फिक्र कल की, ना कोई डर।

बचपन की बातें आज भी सुकून देती हैं।


8. माँ

तेरे आँचल में हर दर्द मिट जाता है,

तेरी गोद में सारा जहाँ समा जाता है।

माँ, तू खुदा से भी बढ़कर है।


9. दोस्ती

वो हँसी बिना वजह, वो बातें रात-भर,

साथ हो तेरा, तो क्या डर।

दोस्ती हर मोड़ पर साथ देती है।


10. बेवफ़ाई

तू वफ़ा का नाम लेकर आई थी,

पर दिल में फरेब की परछाई थी।

अब तो याद भी नहीं आती।


11. सफ़र

मंज़िल से ज़्यादा रास्ते हसीन लगे,

हर मोड़ पे कुछ नए फसाने मिले।

सफ़र ही ज़िन्दगी है शायद।


12. यादें

वो पल जो बीत गए, अब तस्वीरों में रहते हैं,

हर साँस में उनकी खुशबू बहती है।

यादें कभी बूढ़ी नहीं होतीं।


13. इश्क़

तेरी आँखों में जो समंदर है,

मैं हर रोज़ उसमें डूब जाता हूँ।

इश्क़ अब साँसों में बस गया है।


14. वक्त

वक्त ना किसी का होता है,

ना रुकता है, ना झुकता है।

बस सिखा जाता है बहुत कुछ।


15. आत्मविश्वास

झुका नहीं कभी हालातों से,

हर तूफान से टकराया हूँ।

क्योंकि खुद पे यक़ीन था।


/ आराध्यापरी

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