Hindi best shayari -: हमारी शायरी संग्रह में आपको मिलेगा प्यार, दर्द, हंसी, गुस्सा, दोस्ती, तन्हाई, और प्रेरणा से भरा हुआ शायरी का खजाना। हर शेर और ग़ज़ल को इस तरह से चुना गया है कि वह आपके मूड और एहसासों के साथ मेल खाता है।चाहे आप अपने प्यार को इज़हार करना चाहते हों, दिल की उदासी को व्यक्त करना चाहते हों, या फिर किसी को प्रेरित करना चाहते हों, हमारी वेबसाइट पर आपको हर स्थिति के लिए उपयुक्त शायरी मिलेगी। हमारा उद्देश्य है कि हम आपके जज़्बातों को सही शब्दों में ढालकर आपके दिल की बातों को दुनिया तक पहुँचाएं।
-) रंग जो मौसम ने बदला तो इंसानों को गिला होने लगी ।।
हम अपनी सी करने लगे तो ,
बग़ावत सरेआम होने लगी ।।
जिनके पास था ना कुछ एक भी ,
बातें उनकी भी आसमान छूने लगी ।।
-) ख़ुद से लड़ रहां हूं मैं,
जाने कैसे दिन काट रहां हूं मैं ।।
साथी कुछ साथ थे एक दो ,
लगता हैं उनकी जान जोख़िम में डाल रहां हूं मैं ।।
-) हमारा हक़ मारा गया ,
जो पास था वो सब छीना गया ।।
और तो कुछ ना था पास दो वक्त की रोटी और तन पे कपड़ा था,
उनके करम हुएं ऐसे हासिल जो था ,
सभी डाका डाल लिया गया ।।
-) अब तो लगे ऐसा जान जाने वाली हैं,
सबकुछ बर्बाद होने वाला हैं।।
कुछ किस्मत का साथ ना था ,
कुछ बातों पर में जोर ना था ,
इन सब में बस आशुतोष जाने वाला हैं।।
-) ख़ुदा रहमत बक्शे तो कुछ सोच आएं हम ,
अपनी ज़िंदगी का सौदा कर आएं हम ,
मेरी जान के बदले मांग लो कुछ ,
उसकी जान की कीमत अपनी जान देकर चुका आएं हम ।।
-) जाने किस दौर में आ बैठें हैं,
गिरती बिजलियों में आ बैठें हैं।।
कभी रहम ओ करम बरसतें थें,
अब मुसीबतों के दौर में आ उलझें हैं।।
-) बातों के दौर में बादलों सी बरसात हो रहीं ,
रहमत के दौर में आफ़तें आ रहीं ।।
हम अपनी सी सोचते रहें,
बातें जाने कहां से उल्टी सी आ रहीं।।
-) मुझसे मिलके मेरे से हो जाना ,
मेरा कोई भी नहीं हैं ।।
मैं बातें तमाम करता हूं ,
मगर ग़ैरों सा सलूक हैं ।।
मैं अपना सा होता हूं ,
मगर फ़ैसले पराएं से हैं ।।
-) मैं चाह कर भी ये ना कर पाया ,
जिस रास्तें पर चला उस रास्तें का भी नहीं हो पाया ।।
मंज़िल जाने कौनसी थीं मेरी,
अब जिस सफ़र में हूं ,
इसकी मंज़िल न तलाश पाया ।।
-) अब तो अपने भी अपनों से ना रहें,
ग़ैरों सा बर्ताव नजर आता हैं ।।
जान लुटाई थी कभी किसी पे ,
अब लगे ऐसा बे मौत ही ,
मरने आएं हैं ।।
-) हो सके तो इतना करना ,
फ़ैसला जो भी हो इंसाफ मुझसे करना ।।
जाने कितनी बुरी गुजर रहीं हैं हमपे,
बस दो पल का साथ देना ।।
-) मैं खुद से नाराज़ होने लगा हूं ,
लगता ऐसा हैं बर्बाद होने लगा हूं ।।
कुछ भी तो नहीं मुमकिन हमको ,
बस ख़ुद से अलग होने लगा हूं ।।
-) वो एक वादा करके गएं,
हम उस वादे के हो गए ।।
उम्मीद थी ताउम्र उस के रहेंगे ,
उसने जो भुलाया हम बस ग़मों के होकर रह गए ।।
-) अब तो घर भी घर नहीं लगता ,
जाने कैसा ये दौर आ गया हैं।।
हमें अपने घर में परायों सा लगने लगा ,
जैसे अजनबी शहर में किसी अंजान के घर में मैं आ गया ।।
-) कुछ देर जो मैं ठहर जाता तो कत्लेआम हो जाता,
मेरे नाम पे वे यूं इठलाएं जैसे ,
भुजंग को देखकर नेवले ललाहित होने लगें हो ।।
~~~आशुतोष दांगी~~~
-) धोखे की हर कहानी ने, दिल को चुराया है,
सच्चाई के जिस रस्ते पर, कभी चाँद भी आया है।
-) वे चेहरे जो मुस्कुराते हैं, असलियत छुपाते हैं,
धोखे के इस बाजार में, हम सब बिक जाते हैं।
-) प्यार की कसमें खाकर, बेवफाई का नाम लिया,
यही तो है धोखा, जिसे आज मैंने समझ लिया।
-) आँखों में है वो जादू, जो बातें नहीं कहता,
पर हर बात में छिपा है, एक नया धोखा वो करता।
-) विश्वास की दीवारों पर, लिखा है झूठ का नाम,
धोखे की इस दुनिया में, सभी हैं बेगानी शाम।
-) तुमने जो कहा वो किया नहीं, फिर भी दिल को बहलाया,
ये क्या है सच्चाई या, बस एक बड़ा धोखा पाया।
-) पलकों की छांव में छुपे, आँसू जब छलकते हैं,
वो धोखे की साज़िश है, जो बिना बोले महकते हैं।
-) वो वादे जो किए थे, अब अधूरे हैं ख्वाबों में,
धोखे की इस उलझन में, खो गए हैं सब हाथों में।
-) रिश्ते जुड़ते हैं जैसे, धागे से बनती हैं जाल,
बस एक धोखे की प्रथा, और बिखरते हैं अरमान।
-) हर मुस्कान में छुपी है, एक कहानी चुपचाप,
धोखे का ये सिलसिला, बना देता है सबको बेताब।
-) शब्दों में मिठास है, पर आंचल में छिपा जहर,
धोखे के इस खेल में, नहीं जोड़ा मैंने धैर्य।
-) जब भी चाहा मैंने सच्चाई, तुमने दिखाया झूठ,
इस धोखे के सफर में, दिल की हर बात हुई सूठ।
-) हम कमज़ोर पन में जीते, पर नहीं समझ पाए,
धोखे के इस खेल में, हमने खुद को ही बर्बाद किया।
-) आँखों की जो भाषा है, वो कभी समझी नहीं,
धोखे की इस दास्तान में, सच्चाई रह गई कहीं।
-) तुमने कहे थे झूठे वादे, मैं ही रह गया बेबस,
पर ये धोखे की आदत, मुझे अब नहीं रास।
"हमारी वेबसाइट पर प्रस्तुत की गई हिंदी शायरी न केवल शब्दों का खेल है, बल्कि यह आपके दिल की गहराईयों से निकलकर सीधे आपकी आत्मा तक पहुँचने वाली भावनाओं का सजीव चित्रण है।”
-) हर धोखे की परत में, छिपा है एक राज़,
ये सच्चाई के रास्ते में, है बस एक अलिखित ताज़।
-) कभी जो साथ रहे तुम, अब वो भी अपना नहीं रहा,
धोखे की इस कहानी में, प्यार का किवाड़ खुला नहीं रहा।
-) जिनसे मिला था विश्वास, उन्हीं ने किया है धोखा,
अब तो बस यादें हैं, जो मुझे चुभती हैं जैसे शोक।
-) ख्वाबों की बुनाई में, छिपा है एक दर्द बड़ा,
धोखे की इस दुनिया ने, दिल को किया है बुरा।
-) हर चेहरे की एक परत है, जो सच्चाई छुपाए,
धोखे के इस जाल में, हम सबको बहलाए।
-) आँखों में बसी नमी, बोले जब मन का हाल,
धोके की शिकार हुई, हर एक चाह का कमाल।
-) खुद को कोसते हैं लोग, धोखे के बाद में,
सच्चाई का ये खेल है, मुश्किल है समझना इस जाल में।
-) तूने जो कहा वो दिखा नहीं, अब समझ में आया,
धोखे की इस दुनिया में, मानवता ने पहला नारा।
-) प्रेम के बंधन में छुपा है, एक बड़ा धोखा,
देखो कितने मासूमों ने, रिश्ते को भुलाया है सोखा।
-) ज़िंदगी के सफर में, सच्चाई की कश्ती चलाई,
पर धोखे की लहरों ने, मन को फिर भी रुलाया।
"हिंदी शायरी" एक ऐसी कला है जो दिल की गहराईयों से निकलकर शब्दों के माध्यम से भावनाओं का इज़हार करती है। यह न केवल प्रेम और दर्द की अभिव्यक्ति है, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे दोस्ती, संघर्ष, और आत्म-चिंतन को भी उजागर करती है। हर शेर, एक नई सोच और अनुभव की दुनिया खोलता है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है।
~~~आराध्यापरी~~~
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