Hindi best shayari-: हमारी वेबसाइट पर पाईए best shayari का अद्वितीय संग्रह, जो आपके दिल की गहराइयों और हर एहसास को बेमिसाल शब्दों में ढाल कर सामने लाता है।”
-) ना जाने किस बात से खफ़ा हैं वो ,
मुझसे रूठा हैं वो ,
कोई कहे उस से क्या हाल हैं मेरा ,
मेरा सबकुछ ही हैं वो ।।
-) वो जो एक शख़्स है बहुत खास हैं मुझे ,
उसके बग़ैर क्या हासिल मुझे ,
सब बर्बाद हैं कुछ ना पास हैं,
तू आ जाएं पास मेरे फ़िर क्या चाहिए मुझे ।।
-) ये शाम भी ढ़ल रही अब तो करीब आ बैठो ,
परिंदे सुबह के जाने वाले शाम को पेड़ पे ना वापिस आए,
तो सब वीरान लगता हैं।।
-) अब के ना जा जाने से कुछ नहीं हासिल हमें ,
जो तू गया तो सांसे टूट के बिखर जाएगी ।।
-) बड़ी मन्नतों से तुझे पाया हैं,
ऐसे एक छड़ में कैसे जाने दे ,
सारी उम्र की कमाई हो तुम ,
ऐसे कैसे बर्बाद होने दे ।।
-) आ जाओ रूठ के जाने वाले ,
तुझे मनाने में सारी उम्र लुटा देंगे ,
हासिल कुछ भी नहीं हमें ,
जो तू ना रहा तो जाने क्या कर देंगे ।।
-) बसंत की बहार का क्या करे ,
जब तू ही नहीं हासिल हमें ।।
ये रंगीन शामों का क्या करे ,
जब तू ही दूर हमसे ।।
ये ज़माने की महफ़िल भी जनाजा लगे ,
तू जब हासिल नहीं हमें ।।
-) चाहे लाख बुरा हूं मैं तुम तो ख़ुदा कि रहमत हो ,
मंजिलों से दूर हूं मैं तुम मंज़िल हो।।
मैं भ्रम का जंजाल हूं ,
तुम हक़ीक़त हो ।।
मैं झूठ की स्याही सही ,
तुम सच की सूरत हो ।।
मैंने दिल लगाना छोड़ दिया ,
तुम मेरी दिल्लगी हो ।।
-) कुछ हासिल होता तो ये वीरानापन ना होता ,
मैं खोजता रहता हक़ीक़त तू होता तो ये सफ़र ना होता ।।
हमसे एक वादा कर लो हमें हासिल हो जाओ तुम,
सबकुछ होता तो झंझटों का सफ़र ना होता ।।
-) तू ये बता तेरे नुक़्स में क्या बयान हैं,
मेरे हक़ में क्या बयान हैं ।।
मुझे ज़माने कि परवाह नहीं ,
मैं तुझसे हूं तू मेरा ही हैं,
जमाने कि बात बस फरेब हैं ।।
तू इस फ़रेब से जुदा हो ,
ये जान ले तेरा नाम मेरा हैं।।
-) क्या छोड़ आएं हम लगे सब छोड़ आएं हम ,
एक साथी करीब था बातों की उलझन में उसे छोड़ आएं हम ।।
ख़ुद से जुदा होने लगे ,
ज़िंदगी कि डगर बहुत दूर छोड़ आएं हम ।।
-) तेरे बग़ैर ये क्या हो रहा हैं,
तेरा दीवाना सरेआम बदनाम हो रहा हैं ।
आंखों में आंसु भर रहा हैं,
लगे ऐसा दिल से जुदा हो रहा हैं।।
सब लुटा रहा हैं,
तन्हाइयों का आशिक मिज़ाज हो रहा हैं।।
-) तेरे बग़ैर था कुछ नहीं लेकिन मुसीबतों का दौर ना था ,
खालीपन था पास मेरे,
मगर वीरानापन ना था ,
आवारा था मैं कभी ,
मगर बंजारा ना था ।।
घर कि ख़बर ना थी मुझे ,
मगर उस जगह से अंजान ना था ।।
पास में दिल ख़ाली था उसमें कोई कोई ना था ।।
-) तू मेरी करामातों का हिसाब दें ,
कुछ नहीं मेरा मुझे सुकून की तलाश दें ।।
वक्त कितना गुज़ारा मैंने,
उस वक्त का हिसाब दें ।।
-) भुला बैठा कोई शख़्स तनहाई को पसंद करने लगा,
तुझे चाहने वाला बे मौत मरने लगा ,
उम्मीद थी ताउम्र साथ की अब एक पल का साथ मांगने लगा ।।
"हमारी वेबसाइट पर पाएँ दिल को छू लेने वाली best shayari जो आपके हर जज़्बात को बयाँ कर दे, और हर लम्हे को यादगार बना दे।”
-) हम सच को कहां जान पाएं ,
ज़िंदगी की हक़ीक़त ये थीं कि नजरअंदाज करें सबको,
हम नज़रंदाज़ ही ना कर सकें बस ।।
-) दो दिन की ज़िंदगी हैं बस हमारी,
इस से ज़्यादा मांगी भीं नहीं ,
ज़माने के रंग देखकर लगता हैं,
दो दिन हीं काफ़ी हैं ।।
-) बात ऐसी भीं ना करिये,
हम ख़ुद पर संदेह होने लगें,
हम सच को झूठ और ,
झूठ को सच कहने लगें ।।
-) इन बादलों को किसने दुःख सुना दिया मेरा ,
तब से बस बरसे जा रहें हैं,
चुप होने का नाम नहीं लेते ।।
-) किसने छेड़ी दुखती रग़ हमारी ,
उसका कोई नाम भी ले तो दिल दहक उठता हैं।।
-) बारिशों से दोस्ती करने को जी चाह रहा हैं,
अपनी हस्ती पर पानी फेरने को जी चाह रहा हैं ।।
और तो होगा क्या सब बह जाएगा ,
सबकुछ बहाने को जी चाह रहा हैं ।।
-) काली घटाएं क्या छाने लगी ,
कुछ के मन घबराने लगें ,
कुछ लोगों की उम्र भर की कमाई,
ये काली घटाएं एक पल में मिटा देती हैं ।।
-) हम कोई फ़ैसला करें भी तो कैसे ,
हमारी ज़ुबान हमारे होंठों से वो शब्द नहीं निकालती जो हम बोलना चाहते हैं ।।
-) एक फैसले पर हम अपनी उम्र आधी कर बैठें ,
कुछ इस फैसले पर अपनी उम्र चौगुनी कर बैठें ,
गलत फैसला हमारा था हमारे हक़ की चीज़ें किसी और के हक़ में चलीं गईं ।।
-) इतना आसान भीं नहीं अपना काम निकलवाना किसी से ,
औरों के दिमाग़ से ख़ुद का सोचना पड़ता हैं ।।
-) बरस जा ऐ बादल तू भीं हमपर ,
हम औरों की ग़रज़ में इस हाल हो गएं हैं ।।
-) बादलों को बरस जाने की हिमाकत जाने किसने दे दीं,
एक ज़माने से तो ये बस ग़रज़ हीं रहें थें ,
अब जो नयापन आया इनपर ये किसी और की कहां सुनते हैं अब ।।
-) तेरे इश्क़ को निभाना हम भीं सीख आएं हैं,
इन बादलों से कब कहां गरजना हैं,
कब मौसम की तरह तेरे रंग में ढलना हैं,
सब कुछ इन्होंने हमे सीखा दिया ।।
-) बरसने वालें बादलों सी भूमिका हैं मेरी ,
मैं जब भीं बरसा हूं जाने कितने मिट्टी के घरों को ढ़ेर किया हैं ।।
-) कौन हैं जो दिल के दरवाज़े को बजा रहा हैं ,
मैं जब भीं किवाड़ खोलता हूं कोई नज़र नहीं आता ,
ये कहीं वो अजनबी सी लड़की तो नहीं ,
जो आँखें झुकाकर जुल्फ़ें संवार रही थीं ,
यही दस्तक दिल के दरवाज़े पर बार बार दे रहीं थीं ।।
"हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगी बेहतरीन best shayari, जो आपके दिल की गहराइयों को छूने का हुनर रखती है और हर एहसास को सजीव कर देती है।”
-) पहली बारिश का पानी बन आना तुम ,
चकोर की प्यास बुझा जाना बस तुम ,
ग्रीष्म की तपन वैसे भीं यहां कम नहीं ,
तुम शीतल जल बन आना ।।
-) लगता हैं आज हलचल भारी हो गई आसमान में,
बादल यूं तो रोता नहीं वैशाख में ,
ज़रा में भीं तो पूछूं इस से किसने क्या कहां ,
क्यों दख़ल अंदाज़ी कर रहा हैं गर्मी की शान में ।।
-) किसने इसमें हवा भर दी ,
बिन पंखों के ये नादान पंक्षी,
आसमान नापने को आतुर हो रहा हैं,
इसे बताओ कोई यहां राज़ बाज़ का चलता हैं,
जान निकाल दी जाएगी एक बार में ।।
-) मैंने ये कब कहां तुम अड़ियल हो ,
मैं तो बस ये कहता हूं मेरी समझ से अलग हो ,
इसका मतलब ये तो नहीं मुझे गलत समझा जाएं,
मेरी सोच अलग हैं आजकल के लोगों से ।।
-) हम उसे पाने के लिए उस हद को भी पार कर आएं ,
जहां का सोचने पर भीं ज़हन में मौत आती हैं ।।
-) इश्क़ ना कर हिम्मत ना हो तो ,
इसे निभाने में पसीने छूट जाते हैं लोगों के ,
जो निभा नहीं पाते हैं वे बेवफ़ा शब्द इस्तेमाल करनें लगते हैं ।।
-) कोई उम्मीद अगर आसमान से आ टपके ,
हमारी एक मुलाक़ात उनसे हो जाएं ,
तो हम भीं यक़ीन कर लेंगे कि ऊपर आसमान में ख़ुदा हैं ।।
-) परीक्षा इतनी भीं ना ली जाएं ,
की इम्तिहान से डर लगने लग जाएं ,
कुछ तो हमपर भीं रेहम किया जाएं ,
यूं हीं हमारी जान ना ली जाएं ।।
-) मर मिटनें के अलावा कुछ नहीं बचा अब ,
जो कुछ था वो सब हमनें गवां दिया ।।
-) तू ज़िंदगी की हक़ीक़त से रूबरू होने लग आशुतोष,
तेरे सिवा तेरा यहां कोई नहीं सोचता ।।
हमारी वेबसाइट पर आपको मिलेगी दिल से लिखी हुई best shayari, जो आपके हर एहसास को खूबसूरती से बयां करती है और हर दिल को छू जाती है।”
Post a Comment