broken heart shayari :- हम इस पेज पर आपके लिए शायरी लाएं हैं , जो कि आपके ब्रेकउप के बाद सबसे लजीज शायरी हैं । जिसे सुनकर या पड़कर आप अपने पुराने साथी को भूल जाएंगे broken heart shayari
-) ये इश्क़ का जंजाल जाने कहां से ले आएं ,
लगे यूं ख़ुद को बर्बाद कर आएं ।।
-) हम ख़ुद को भुला के भी ख़ुश हैं ,
हम इस हाल में हैं और ये हाल क्या किसी अमृत से कम हैं ।।
-) तेरे बगैर उम्र गुज़ार देंगे ,
टूटे हैं रफ्ता - रफ्ता एक ज़माने बाद ख़ुद को संभाल लेंगे ।।
-) कुछ तो गैर हम ख़ुद से भी हैं ,
ज़माने को इतनी फुर्सत कहां जो वक़्त यूं ही जाया करे ।।
"टूटे दिल पर शायरी के हमारे विशेष संग्रह के साथ गहरी भावनाओं में गोता लगाएँ, जो आपकी आत्मा को छूने और खोए हुए प्यार के अनकहे दर्द को व्यक्त करने के लिए तैयार किया गया है broken heart shayari"
-) तेरे बाद दिल तेरी तलाश में जाने कहां ले आया ,
मैं भीड़ का हिस्सा था कभी अब मुझे ये एकांत में ले आया ।।
-) भरे बाज़ार लूटा हैं शख़्स कोई मेरे जैसा ,
अब तन्हा रास्तों से क्या खौफ़ खाउं मैं ।।
-) ये भी क्या किसी से कम हैं ,
तेरी यादों के जो सितम हैं,
बच ना पाता इतने के बाद कोई भी ,
और हम अब भी यहीं हैं ।।
-) तू जो रुबरु ना हो तो दिल बैठ जाता हैं,
ख़ुद से मेरे जैसा कोई रूठ जाता हैं ,
ना माने ये शख़्स बस तेरी मौजूदगी चाहता हैं ।।
-) जब आओगे तो जान जाओगे दीवाने ने कितना इंतज़ार करा ,
तेरे ना आने का सफ़र एक विष के प्याले जैसा पिया ,
अबके जो तुमने इंतज़ार कि झड़ी लगाईं तो ये शख़्स कफ़न में मिलेगा ।।
-) एक सितम ये भी हैं कि ,
हम सबके हैं बस हमारा कोई नहीं ,
हम जान लुटाते हैं सबपे , और लोग जान चाहते हैं हमारी ।।
-) सबसे जुदा हैं हम बस इस बात से खफां हैं हम ,
किसी से हाल ए दिल बयां करे कभी ,
ख़ुद के ऊपर जो लाद रखा उस बौझ को जुदा करे तन्हा हैं
अगर आप टूटे दिल के जज़्बात को अलफ़ाज़ों में बयां करना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर आपको दर्द से भरी और दिल छू जाने वाली Broken Heart Shayari का बेहतरीन कलेक्शन मिलेगा, जो आपके जज़्बातों को खूबसूरती से बयां करेगा
-) नएं दौर की कहानी लिखने जा रहे हैं हम ,
अपनी कस्ती को किनारा करने जा रहें हैं हम ।।
बहुत कुछ तो बदला नहीं इतने सालों में,
सारी हक़ीक़त बदलने जा रहें है हम ।।
-) मैं तेरे जैसे किसी की तलाश में नहीं ,
मुझको तो बस तू चाहिएं ।।
कीमत चाहे जो भी चुकानी पड़ें ,
हर क़ीमत के बदलें तू चाहिए ।।
-) बिखरी जुल्फ़ों को कौन संवारने लगा ,
मेरे हक़ पे कौन अपना हक़ ज़माने लगा ।।
ये क्या बात हैं कि मेरे ही बाल हैं,
तुझसे पहले अब इप हक हमारा होने लगा ।।
-) मैंने ये कब कहां इश्क़ में मंज़िल नहीं ,
ये भीं तो कहां था प्यार की मंज़िल नहीं ।।
जो रुक गया किसी एक पर ,
उसे इतिहासकारों ने किसी शहंशाह से नवाज़ा कम नहीं ।।
-) थकें हुएं हम हैं,
बातें फ़िर भीं हमसे दो हाथ की हैं ।।
तो जान ना ये भीं ,
घायल शेर की मार ज्यादा खतरनाक होती हैं।।
~~आशुतोष दांगी
Post a Comment