hindi best shayari -: "हमारी वेबसाइट पर पढ़ें दिल को छू जाने वाली hindi best shayari, जो हर जज़्बात को लफ्ज़ों में ढालती है और आपकी भावनाओं को नई उड़ान देती है।”
-) गुजरी दिल पे गुज़र जाती जो किसी और पे तो जाने क्या होता ,
एक जान खोती सबकुछ बर्बाद होता ,
किसी के फैसले में हक़ ना होता ,
मेरे जानने वाला सबकुछ खो चुका होता ।।
-) हम किसी के हो ही गए ,
होने से नूर में आ ही गए ।।
वे अजनबी थे कभी अब दिल में ,
अब दिल में उनका हुक्म चलता है ।।
-) सबकुछ तेरा ही हैं और किसी से क्या कहें ,
दिल तुमने चुरा ही लिया अब किसी और से क्या कहे ।।
अंजान शहर में एक रास्ता मिल ही गया ,
मेरे दिल का मालिक अब दिलदार मेरा हो गया इसके आगे क्या कहे ।।
-) हमसे जुदा ना हो हम बेफिक्र नहीं,
हम तेरे हैं फ्रिकमंद हैं ।।
हमें गिला नहीं कि पूछें किस बात से ऐतराज हैं ,
हम जानते हैं तू हमारा हैं।।
-) तुम दिल लगाने से कतराते हों ,
हम सौदा दिल का कर बैठे हैं,
तुम इस जंजाल कहते हो ,
हम इस जंजाल में फंस बैठे है,
तुम ख़ुदको इश्क़ का बादशाह बुलाते हो,
हम तुम्हारे गुलाम बन बैठे हैं।।
-) तुम बिछड़ने का शौक रखते हो
हम बस तुम्हारे साथ रहने का ।।
तुम ख़ुद से इश्क़ करते हो ,
हम तुम्हारे इश्क़ को ख़ुदा कहते हैं
तुम जागीर बनाने की बात करते हो ,
हम सबकुछ लुटाने को आतुर रहते हैं।।
-) इतना वक्त भी ना लगाओ कि हमें हासिल कुछ भी ना हो,
तेरे इंतजार में वक्त भी कम ना हो
मुलाक़ात का लम्हा आख़िर ना हो
वक्त जाने के बाद आबरू ,
वक्त होने की गुंजाइश ना हो ।।
8 ) एक तुझे याद करता आशुतोष अब तेरे द्वारे आ ही गया ,
सबकुछ मुक्कमल इश्क़ कर ही गया ,
जो रूठा था एक कोई अब उसको मना ही गया ,
तू जाने हाल आशुतोष का ,
वो क्या ख़ूब बेहाल हो ही गया ।।
-) हम नहीं चाहते किसी की आबरू सरेआम लूटे ,
किसी का घर ना चले किसी का दिन ना कटे ।।
आजमाइश ना हो आजमाने कि,
वक्त कि रेखा ऐसे ना कटे ।।
जो हमपे गुजरी उसका साकी ना हो ,
बाकी की ज़िंदगी यूं ही ना कटे ।।
-) तू इश्क़ की खूबसूरत किताब बन गईं,
मेरी महबूबा मेरी जान बन गईं ।।
जो कभी अजनबी थी हमसे,
इस दिल की सरताज बन गई ,
वो जो ना थी कुछ यारों,
वो ही ज़िन्दगी बन गईं ।।
-) हम जो ना रहें तो कहना उससे ,
तुझे चाहने वाला जाने कैसे क्या कर गया ।।
सबकुछ था जिसके पास वो ख़ुदा से एक फरियाद करता रह गया ,
वो तुझसे मिलने कि आस में मर गया ।।
वो तेरा ही था तू उसकी अमानत जान से प्यारी थी,
तेरा आशिक़ तेरा नाम लेकर ख़ुदा के घर गया ।।
-) वो फरियाद करता रह गया ,
उसको एक आस थी ख़ुदा से ,
कभी तो मिलेगी वो जलपरी उसकी ,
ख़्वाबों कि हक़ीक़त ,
क़िस्मत कि क़ीमत
वो अरदास करता ही रह गया ।।
-) हम जानते हैं क्या मिलना हैं किस्मत में ,
कुछ भी नहीं हक़ीक़त में ।।
सब भ्रम हैं दो पल के ये पास नहीं,
क्षणिक पल हैं दो पल के ,
हम अंजान हैं हादसों से या कहें हैं हादसों में ।।
-) तेरे बग़ैर ही अच्छे हैं हम ,
आफतों से परेह हैं हम ।।
तेरे होने से मर्माहत हैं हम ,
बस इस तरह से आबाद है हम ।।
-) तू ख़ुदा की रहमत हैं,
तू हमारी हक़ीक़त हैं ।।
तू जाग़ीर हुस्न की ,
तू नूर चांद की हैं ।।
तू इठलाती किरण ,
तू जाने जा बंदिगी हैं ।।

यहाँ आपको मिलेगी Hindi Best Shayari की एक अनोखी दुनिया, जहाँ हर शेर दिल की गहराइयों से निकली हुई भावनाओं को शब्दों में पिरोता है — बिल्कुल नई, मौलिक और दिल को छू जाने वाली।
-) साथी समझने को तैयार ना हो ,
तो दोस्ती ख़त्म कर लिजिएं,
आफ़तें वैसे ही कम नहीं ज़माने में ,
एक और को कहां सिर बैठाओगे ।।
-) बेहतर तो यहीं होता हम उनको जान लेते ,
फ़िर जान देने का फ़ैसला कर लेते ,
जान तो चलीं गई अब सोच कर भीं क्या करें ,
सात जनम हैं एक और ले लें और क्या करें ।।
-) उसने चाहने की कोशिश नहीं की ,
वो मुझसे बेहतर मुझे जानता था ,
की मैं आख़िरी सांस तक उसका हूं ।।
-) कभीं ये सोच लेना चाहिएं था ,
जो हमारा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा,
हमनें एक कसर नहीं छोड़ी उसकी खुशियों को समेटने में,
वो एक पल में सब छोड़ कर चला गया ।।
-) सुना हैं वो चाँद को तकता रहता हैं ,
ख़ुद के दाग़ नज़र नहीं आते उसे चाँद पे दोष मढ़ते रहता हैं,
हो कभी बात उससे आशुतोष तो कहना ,
वो था जिसने ख़ुदा समझ लिया था आपको ,
आप जिसे इंसान भीं समझ ना पाएं ।।
-) ये बात अब हमसे दूर जा रहीं ,
की वो हमसे दूर जा रहा हैं ,
ये मुमकिन कैसे हो सकता हैं,
हमनें जिसे दुआओं में मांगा वो सच में दूर जा रहा हैं ।।
-) साजिशें उन्होंने चलनी शुरू कर दीं,
जिन्हें होशियारी हमनें सिखाई,
वो हमें आंख दिखा रहें हैं अब ,
जिनको नुक़्स से अक्स तक हमनें बनाया ।।
-) हमें ये पसंद नहीं कि,
कोई हमारे साथ रहें और हमारे खिलाफ़ रहें ,
या तो खुलकर साथ आइएं या मैदान ए जंग को रास्ता बनाइए ।।
-) मेरी उम्र का मुझसे ना पूछा जाएं,
जितनी उम्र है वो तज़ुर्बे को बयां नहीं कर पाती हैं।।
-) हमसे यूं ना नज़रें चुरा ,
तेरे जैसा कभीं हमारे दिलों में राज़ करता था ,
अब किसी और का नाम रटता हैं।।
-) ग़ज़लकार ने एक ऐसी नज़्म छेड़ दीं,
एक ज़माने से अक्स समेट रखें थें हमनें,
एक पल में बिखेर दिया ख़ुद को ।।
-) जो बातें हो रहीं हमारी उनके हक़दार हम तो नहीं,
क्या करें हम भीं लेकिन वक़्त के मारे है हम,
वक़्त से बढ़कर कुछ भीं नहीं ।।
-) कहानियों का दौर अब ख़त्म हो रहा हैं,
बूढ़े लोग अब कम नज़र आतें हैं ।।
जिन कहानियों के क़िरदार बनाते थे वे ,
अब हक़ीक़त में नज़र आने लगे हैं वे ।।
-) भूखे शेर को छेड़ना ख़तरे से ख़ाली नहीं ,
वो कमज़ोर हैं डरपोक नहीं ,
जिस दिन दबोचेगा बचने की हालत नहीं रहेगी ।।
-) हालात हमारी पिंजरे में क़ैद से कम नहीं ,
वो खुलकर शिकार कर नहीं सकता ,
मैं खुलकर बोल नहीं सकता ।।
यहाँ आपको मिलेगी Hindi Best Shayari की अनमोल संग्रहशाला, जहाँ हर शेर दिल को छूता है और हर भावनाओं को बखूबी बयां करता है — पूरी तरह मौलिक और दिल से लिखा गया।
-) बड़ी कम क़ीमत आंक दी ख़ून पसीने की मेहनत की हमारी ,
हम ने अपनी उम्र लुटा दी वे पूछतें हैं,
आख़िर करा क्या हैं तुमने ।।
-) सुनिए एक खता हो गईं हमसे ,
कंटीली नजरों से नजरें मिला ली हमनें,
प्यार की रुत में दिल लुटा दिया हमनें ।।
-) कोई पूछ ले नाम मेरा ,
तो बता देना वो वो हैं,
जिसका नाम सुनकर आंधी थम जाने को कहती हैं,
समंदर में लहरें शांत हो जाने को कहती हैं ।।
-) वो किसी और के होनें लगें ,
हम ख़ुद में बिखरने लगें,
समझाएं भीं क्या अब ख़ुद को ख़ुदा जैसे इंसान बदलने लगें ।।
-) आंधियों में अब पलना सीखों ,
कब तक मुसीबतों से भागते फ़िरोगे,
कभी तो डट कर सामना करना होगा,
अपनी मुसीबतों से लड़ना होगा ।।
-) ज़िंदगी की हक़ीक़त जाननी हो ,
अस्पतालों का चक्कर लगा लिया जाएं,
यूं घर बैठें मरने की बात करना आम हैं ।।
-) नखरे उठा सको तो हीं इज़हार ए इश्क़ करिए ,
वरना उसे बेवफ़ा के सिवा कुछ नहीं कह सकोगे ।।
-) ग़लती ऐसी भीं ना करिए,
हम नज़रंदाज़ भीं ना कर पाएं ,
और कहानी ख़त्म हो जाएं ।।
-) हम आख़िरी उम्मीद पर हैं,
अब इसके बाद कुछ बचा भीं नहीं ,
इसके बाद होगा तो कुछ नहीं हम सब ख़त्म कर देंगे ।।
-) सुहावनी हवाएं चलने लगीं,
ज़िक्र हीं हुआ था तेरा बस,
तू रुबरु आ बैठेगा तो ये मौसम जाने क्या कर देगा ।।
"अगर आप दिल को छू लेने वाली hindi best shayari की तलाश में हैं, तो हमारी वेबसाइट पर पाएँ अनकहे जज़्बातों को शब्दों में पिरोने वाली बेहतरीन शायरियाँ।”
~~आशुतोष दांगी
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